पेगासस जासूसी मामला: अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट पारित करेगा आदेश, टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का होगा गठन

चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना ने ओपन कोर्ट में कहा कि वे पेगासस जासूसी मामले में एक टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का गठन करने जा रहे हैं। एनवी रमन्ना ने वरिष्ठ सलाहकार सीयू सिंह को इसकी जानकारी दी। सिंह पेगासस मामले में पेश होने वाले वकीलों में से एक हैं। CJI एनवी रमन्ना का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अगले हफ्ते कभी भी आ सकता है।
पेगासस जासूसी मामला: अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट पारित करेगा आदेश, टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का होगा गठन
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चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना ने ओपन कोर्ट में कहा कि वे पेगासस जासूसी मामले में एक टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का गठन करने जा रहे हैं। एनवी रमन्ना ने वरिष्ठ सलाहकार सीयू सिंह को इसकी जानकारी दी। सिंह पेगासस मामले में पेश होने वाले वकीलों में से एक हैं। CJI एनवी रमन्ना का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अगले हफ्ते कभी भी आ सकता है।

कौन होंगे टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य ?

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने एक मामले की सुनवाई के दौरान खुली अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह से कहा कि सुप्रीम कोर्ट पेगासस मामले में अगले सप्ताह आदेश पारित करेगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोर्ट पेगासस जासूसी मामले में एक विशेषज्ञों की कमेटी बनाने पर विचार कर रहा है। CJI का कहना है कि कुछ विशेषज्ञों ने व्यक्तिगत कारणों से उपस्थित होने में असमर्थता व्यक्त की है। CJI रमन्ना ने कहा कि अदालत ने कुछ तकनीकी विशेषज्ञों से टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का हिस्सा बनने का अनुरोध किया है। वह व्यक्तिगत रूप से टीम का हिस्सा बनने से इनकार करने में कठिनाई व्यक्त कर रहे हैं इसलिए टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के गठन में समय लग रहा है। सीजेआई ने कहा कि हम अगले सप्ताह तक तकनीकी विशेषज्ञ टीम के सदस्यों को अंतिम रूप देकर आदेश दे सकेंगे।

स्पेशलिटी कमेटी करेगी मामले की जांच

सुप्रीम कोर्ट में मामले की आखिरी सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को सनसनीखेज नहीं बनाना चाहती। नागरिकों की निजता की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता। यदि हम कहते हैं कि हम किसी विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं या नहीं, तो यह आतंकवादियों को तकनीक का काट लाने का मौका देना होगा। हम इस तरह की जानकारी को हलफनामे के जरिए सार्वजनिक नहीं कर सकते। इसकी जांच स्पेशलिटी कमेटी से कराएं। कमेटी अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी।

हलफनामा दाखिल करने से कोर्ट ने कर दिया था इंकार

चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पहले जो आदेश सुनाया जाना था, वह अब अगले सप्ताह सुनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि वह केवल यह जानना चाहता है कि क्या केंद्र ने कथित तौर पर नागरिकों की जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल अवैध रूप से किया है। केंद्र ने जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया था।

बता दें की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाएं सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रतिष्ठित नागरिकों, राजनेताओं और लेखकों पर इजरायली फर्म NSO के स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर जासूसी की रिपोर्ट से संबंधित है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने दावा किया था कि 300 से ज्यादा वेरीफाइड भारतीय मोबाइल फोन नंबरों की पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर निगरानी की जा रही थी।

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