गृह मंत्री अमित शाह आज शाम उत्तराखंड जाएंगे। राहत बचाव कार्य की समीक्षा बैठक होगी। एनडीआरएफ के साथ सभी एजेंसियों के अधिकारी मौजूद होंगे। साथ ही मौजूदा हालात पर नजर रखी जाएगी, केंद्र ने राज्य सरकार को हर संभव मदद देने का भी वादा किया है। वहां वह देर शाम सीएम, उत्तराखंड के अधिकारियों, आईटीबीपी, एनडीआरएफ के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। कल राज्य के बाढ़ संभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान का जायजा लेंगे।
उत्तराखंड में विपदा की बारिश से कुमाऊं संभाग में तबाही मची हुई है। इस आपदा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा 29 लोग नैनीताल जिले के हैं। बारिश के कारण काली, गोरी, सरयू, गोमती, शारदा, कोसी और गौला नदियां उफान पर हैं। कुमाऊं में छह हाईवे समेत 92 स्टेट हाईवे बंद हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री धामी ने बारिश प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावित लोगों से बातचीत कर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने पिछले दो दिनों में राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी धामी से फोन पर बात की और स्थिति का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ कुमाऊं क्षेत्र के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि नैनीताल के काठगोदाम और लालकुआं और उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में सड़कें, पुल और रेल की पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कुमार ने कहा कि क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत में कम से कम चार-पांच दिन लगेंगे।
रामनगर में सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। पंतनगर में तीन जगहों पर फंसे 25 लोगों को निकालने के लिए वायुसेना को ध्रुव हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी। कई भूस्खलन के कारण नैनीताल की ओर जाने वाली सड़कों पर मलबा आने से पर्यटन स्थल राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से नहीं घबराने की अपील की और कहा कि उन्हें सुरक्षित निकाल लिया जाए। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही चार धाम यात्रियों से फिर से अपील करते हैं कि मौसम सुधरने तक वे जहां हैं वहीं रहें।