डेस्क न्यूज़- 28 जुलाई से राजस्थान में कैबिनेट विस्तार की अटकलें शुरू हो गई हैं. राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगपाल और प्रभारी अजय माकन ने सभी विधायकों को 28 जुलाई को जयपुर में रहने का निर्देश दिया है, उन्होंने यह निर्देश प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक में दिए।
कांग्रेस में जारी खींचतान को खत्म करने के लिए बुलाई गई विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक के दौरान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा हुआ, सचिन पायलट के समर्थकों ने उनके समर्थन में नारेबाजी की, इस बात की जानकारी जब बैठक में मौजूद सचिन पायलट को दी गई तो उन्होंने अपने समर्थक नेताओं को बाहर भेजकर कार्यकर्ताओं को शांत कराया, हंगामे के वक्त गहलोत बैठक में नहीं थे, बैठक अभी भी जारी है।
राजस्थान कांग्रेस में अंदरूनी कलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मोर्चा संभाला है, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर इस बात का संकेत दिया गया है, संगठन महासचिव केसी वेणुगपाल व प्रभारी अजय माकन ने जयपुर आकर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (पीसीसी) में विधायकों व पदाधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की, पीसीसी के अंदर कांग्रेस की आम सभा के बीच सचिन पायलट समर्थक समर्थन में नारे लगाने लगे, कुछ देर तक नारेबाजी करने के बाद पायलट समर्थक नेताओं ने कार्यकर्ताओं को समझाया, जिसके बाद नारेबाजी बंद हो गई।
सचिन समर्थक कार्यकर्ता सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक मुखर होकर अपने नेता का समर्थन करते हैं, अंदर कांग्रेस की अहम बैठक के बीच बाहर सचिन पायलट के समर्थन में नारेबाजी करना भी इसी का संकेत माना जा रहा है. दिसंबर 2018 में जब चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री का चयन चल रहा था, उस समय भी पीसीसी और सचिन पायलट के घर के बाहर पायलट समर्थकों ने तीन दिन तक नारेबाजी की और प्रदर्शन किया।
सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायक लंबे समय से सत्ताधारी संगठन में शामिल होने की मांग कर रहे हैं, पिछले साल पायलट कैंप के विद्रोह और उसके बाद के सुलह के दौरान सुलझाए गए मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट फेरबदल का फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है।