जन्माष्टमी विशेष.. #HappyJanmashtami #JaiShriKrishna

जन्माष्टमी आज.. जाने कैसे है हमारे बाल गोपाल
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जन्माष्टमी विशेष – जन्माष्टमी यानी नटखट लाल, बाल गोपाल, श्री कष्ण भगवान का जन्म दिन, एक ऐसा त्यौहार जो हिंदू धर्म में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण के जन्मदिन के दिन लोग भगवान में ही अभिभूत हो जाते है और सुबह से भगवान कृष्ण के भजन शुरू कर देते है। और श्री कृष्ण की लीला में मग्न हो जाते है।

भगवान है ही ऐसे कोई भी उनकी शरण में जाएगा तो भगवान की लीला में लाल हो जाएगा। भगवान कृष्ण की जन्म नगरी मथूरा में तो ये कई हफ्ते पहले शुरू हो जाता है..

जब मथूरा में प्रवेश करेगें तो वंहा आपको श्री कृष्ण का रंग लग ही जाएगा। भगवान का रंग है ही ऐसा जो हर किसी को भाता है। 

हिन्दु मान्याताओं के अनुसार सृष्ट्रि के पालनहार भगवान विष्णु के आठवें अवतार में जन्में श्री कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी को रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार भगवान कृष्‍ण का जन्‍म भाद्रपद यानी भादौ मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को हुआ था।

देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में इस त्‍योहार को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। सबसे ज्‍यादा प्रसिद्ध और चर्चित जन्‍माष्‍टमी भगवान कृष्‍ण की जन्‍मभूमि मथुरा और वृंदावन की होती है। इस दिन सभी लोग व्रत रखते हैं और मंदिरों और घरों में झांकियां सजाई जाती हैं।

भगवान श्री कृष्ण के 108 नाम है इनमें से प्रमुख नाम बाल गोपाल, देवकी नंदन, द्वारकाधीश, गोपाल, बाल गोपाल, हरि, कमलनाथ, जगन्नाथ, केशव, कृष्ण, माधव, मनमोहन, मुरलीधर, मुरली मनोहर, नंदगोपाल, श्याम सुन्दर, और वासुदेव इन नामों से काफी लोकप्रिय है।

भगवान श्री कृष्ण जंहा भी गये वो स्थान उन्हीं के नाम से प्रसिद हो गया 

श्रीकृष्ण जन्मभूमि, तो उनके नाम से लोकप्रिय है ही क्योंकि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली है। यहीं कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्म हुआ था। अब यहां कारागार तो नहीं है लेक‌िन अंदर का नजारा ऐसा है क‌ि आपको लगेगा क‌ि हां यहीं पैदा हुए थे श्री कृष्ण,

यहां एक हॉल में ऊंचा चबूतरा बना हुआ है। यह चबूतरा उसी स्‍थान पर है जहां श्री कृष्‍ण ने धरती पर पर पहला कदम रखा था। श्रद्धालु इसी चबूतरे से स‌िर ट‌िकाकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

नंदराय मंदिर, नंद गांव स्‍थ‌ित नंदराय का मंद‌िर। कंस के भय से वसुदेव जी यहीं नंदराय और माता यशोदा के पास श्री कृष्‍ण को छोड़ गए थे। यहां भव्य मंद‌िर है। और पास में एक सरोवर है।

ज‌िसे पावन सरोवर कहते हैं। क‌ि इसी सरोवर में माता यशोदा श्री कृष्‍ण को स्नान कराया करती थीं।

भद्रकाली मंदिर, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्‍थ‌ित भद्रकाली मंद‌िर के बारे में माना जाता है क‌ि यह एक शक्त‌िपीठ है। यहां यहां पर भगवान श्रीकृष्‍ण और बलराम का मुंडन हुआ था।

द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात स्‍थ‌ित द्वारिकाधीश मंद‌िर मथुरा छोड़कर श्री कृष्‍ण ने यहां अपनी नगरी बसाई थी। सागर तट पर बना यह मंद‌िर द्वारिकाधीश श्रीकृष्‍ण का राजमहल माना जाता है। 

ज्योत‌िसर तीर्थ कुरुक्षेत्र में जहां श्री कृष्‍ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश द‌िया था। आज वह स्‍थान ज्योत‌िसर और गीता उपदेश स्‍थल के नाम से जाना जाता है। यहीं पर पीपल के वृक्ष के नीचे श्री कृष्‍ण ने अमर गीता का ज्ञान द‌िया था। यहां आज भी वह पीपल का वह पेड़ मौजूद है। जिसके नीचे श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जन्माष्टमी पर लोगों को शुभकामनाएं दीं, ट्वीटर पर लिखा कि उम्मीद की कि भगवान कृष्ण का आशीर्वाद सभी के जीवन में खुशियां लाए।

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