जानिए, उबर ईट्स के पतन की कहानी…

डील के मुताबिक उबर को जोमैटो के 9.99% शेयर मिलेंगे।
जानिए, उबर ईट्स के पतन की कहानी…

न्यूज – फूड डिलीवरी करने वाली कंपनियां जोमैटो और उबर ईट्स अब एक हो गई है, आप ये सुनकर थोडा अंचभिंत जरूर हो गये है लेकिन ये सच है और ऐसा रातों-रात हुआ है। ये डील सोमवार रात और मंगलवार तड़के 3 बजे साइन हुई है,

 डील के मुताबिक उबर को जोमैटो के 9.99% शेयर मिलेंगे। जोमैटो के वैल्यूएशन के हिसाब से इतने शेयरों की कीमत 35 करोड़ डॉलर होने का अनुमान है। यानी कि जोमैटो ने भारत में उबर ईट्स को 35 करोड़ डॉलर में खरीदा है। डील साइन होने के बाद उबर ईट्स अपने ऐप पर रेस्टोरेंट पार्टनर, डिलीवरी पार्टनर और ग्राहकों को जोमैटो के प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है।

 बताया जा रहा है कि उबर ने घाटे की वजह से फूड डिलीवरी बिजनेस बेचने का फैसला किया। उबर कंपनी की पॉलिसी है कि अगर वह बाजार में पहले या दूसरे नंबर पर नहीं है, तो वह बाजार छोड़ देती है।

मार्केट में फूड डिलीवरी कंपनियों के बढ़ते कॉम्पिटीशन से उबर ईट्स को नुकसान हो रहा था। हाल ही में उबर ईट्स को पिछले 5 महिनें में 2197 करोड़ का घाटा होने की बात कही थी। भारत में उबर ईट्स ने 41 शहरों में 26 हजार से भी ज्यादा रेस्टोरेंट से टाइअप कर रखा है। लेकिन फिर भी कंपनी घाटे से उबर नहीं पा रही थी और लगातार घाटे में जा रही थी।

 उबर के सीईओ दारा खोसरोशाही ने इस डील पर कहा है कि भारत एक अहम बाजार है, यहां राइड बिजनेस में ग्रोथ को देखते हुए हम निवेश जारी रखेंगे। हम जोमैटो के Capital effective तरीके से आगे बढ़ने से प्रभावित हैं। जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल का कहना है कि देश के 500 से ज्यादा शहरों में फूड डिलीवरी बिजनेस में सबसे आगे होने पर हमें गर्व है। उबर ईट्स को खरीदने से हमारी स्थिति और मजबूत होगी

वही जोमैटो ने कहा कि वह उबर ईट्स के कर्मचारियों को नहीं रखेगी। ऐसे में उबर के कर्मचारियों की जॉब जाना तय है। उबर ईट्स ने भारत में 2017 में फुड डिलीवरी शुरू की थी। वैसे तो दुनिया में उबर ईट्स का फुड डिलीवरी सिस्टम में सबसे आगे है लेकिन भारत में जोमैटो के कडी टक्कर देने की वजह से उबर लगातार घाटा झेल रहा था।

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