विधायकों के विधानसभा सत्र की तर्ज पर राजस्थान विधानसभा में अब बाल सत्र भी होगा। विधानसभा में 200 विधायक हैं। इसलिए 200 बच्चों को ही बुलाया गया है। इतिहास में ऐसा पहली बार ऐसा हो रहा है कि विधानसभा में विधायक नहीं बल्कि विधानसभा में बाल सत्र होगा। 14 नवंबर को बाल दिवस पर राजस्थान विधानसभा के सभागार में विशेष बाल सत्र बुलाया गया है, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया और राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के राजस्थान शाखा सचिव, विधायक संयम लोढ़ा बच्चों के बीच भाषण भी देंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस विशेष बाल सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे करेंगे। स्वागत भाषण विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी देंगे। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया भी सत्र को संबोधित करेंगे। सीपीए राजस्थान सचिव संयम लोढ़ा धन्यवाद ज्ञापन करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम से होगी और राष्ट्रगान के साथ कार्यकर्म का समापन होगा। देश की आजादी के 75वें वर्ष में राजस्थान विधानसभा में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत बाल दिवस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी की पहल पर यह अनूठा समारोह होने जा रहा है। यह कार्यक्रम करीब दो घंटे तक चलेगा। बता दें की राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जहां बाल दिवस पर राज्य विधानसभा में बाल सत्र होगा। इस तरह राजस्थान विधानसभा एक नया इतिहास रचने जा रही है। क्योंकि यह बाल अधिवेशन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक नई मिसाल कायम करेगा।
राजस्थान विधानसभा में होने वाले सत्र की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बाल अधिवेशन में भाग लेने वाले बच्चों ने विधानसभा पहुंचकर यह समझा कि नेता प्रतिपक्ष प्रश्न क्यों पूछते हैं। मंत्रियों को कैसे जवाब देना है? प्रश्नकाल कैसे जाता है? सदन में स्थगन प्रस्ताव कौन लाता है? विधानसभा अध्यक्ष ने बच्चों में राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने और उनकी राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए इस नवाचार से बच्चों को जोड़ा है। 25 दिसंबर, 2020 को डॉ जोशी ने क्रिसमस पर डिजिटल बाल मेला सीजन-1 के विजेताओं से भी मुलाकात की थी।
कैसी होनी चाहिए बच्चों की सरकार? डॉ. जोशी ने यह सवाल बच्चों से पूछा- इस सवाल का जवाब देने के लिए बच्चों ने वीडियो बनाकर भेजे। पिछले 4 महीने में बच्चों ने कई सुझाव भी दिए हैं। राजनीति में कई बदलावों की बात की गई है। बच्चों ने अपनी समस्या देश के सामने रखी है। अब यह सदन के सामने अपनी बात रखने का मौका है। विधानसभा अध्यक्ष जोशी चाहते हैं कि दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी बच्चों की राजनीतिक समझ का सम्मान हो। बच्चों की क्या क्या समस्याएँ है और उनके दिमाग में उनका समाधान क्या चल रहा है। यह जानना जरूरी है।