अमिताभ बच्चन के बंगले की दीवार तोड़ेगी बीएमसी, 2017 को भेजा था नोटिस, जानिए क्या हैं इसकी वजह

लोग महानायक अमिताभ बच्चन के आलीशान बंगले प्रतीक्षा को काफी पसंद करते हैं। बिग बी के इस बंगले का नाम काफी मशहूर है। लेकिन अब बुरी खबर यह है कि मुंबई नगर निगम (बीएमसी) अमिताभ बच्चन के जुहू बंगले 'प्रतिक्षा' की एक तरफ की दीवार तोड़ने की तैयारी में है।
अमिताभ बच्चन के बंगले की दीवार तोड़ेगी बीएमसी, 2017 को भेजा था नोटिस, जानिए क्या हैं इसकी वजह
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डेस्क न्यूज़- लोग महानायक अमिताभ बच्चन के आलीशान बंगले प्रतीक्षा को काफी पसंद करते हैं। बिग बी के इस बंगले का नाम काफी मशहूर है। लेकिन अब बुरी खबर यह है कि मुंबई नगर निगम (बीएमसी) अमिताभ बच्चन के जुहू बंगले 'प्रतिक्षा' की एक तरफ की दीवार तोड़ने की तैयारी में है। इस दीवार को तोड़ने के लिए बीएमसी ने 2017 में ही अमिताभ बच्चन को नोटिस भेजा था, लेकिन अभी तक इस नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है। बीएमसी ने मुंबई उपनगरीय कलेक्ट्रेट के सर्वेक्षण अधिकारियों को 'प्रतिक्षा' बंगले केतोड़े जाने वाले हिस्से को चिन्हित करने का निर्देश दिया है। बच्चन के बंगले की दीवार तोड़ेगी बीएमसी ।

दीवार तोड़ने की वजह?

संत ज्ञानेश्वर मार्ग को चौड़ा करने के लिए बंगले की दीवार को तोड़ा जा रहा है। मार्ग 'प्रतिक्षा' बंगले से शुरू होता है और एस्कॉन मंदिर की ओर जाता है। बच्चन परिवार द्वारा जुहू में खरीदा गया यह पहला बंगला है। इसके अलावा अमिताभ के पास इसी इलाके में तीन और बंगले हैं। जुहू के संत ज्ञानेश्वर मार्ग की चौड़ाई फिलहाल सिर्फ 45 फीट है। बीएमसी चाहती है कि इसकी चौड़ाई 60 फीट तक बढ़ाई जाए, ताकि यहां आए दिन लगने वाले जाम से निजात मिल सके।

उद्योगपति का बंगला भी तोड़ा गया

इस सड़क चौड़ीकरण के दायरे में दो बंगले आ रहे हैं। एक अमिताभ बच्चन और दूसरा उद्योगपति केवी सत्यमूर्ति का बंगला। सत्यमूर्ति का ज्यादातर बंगला चौड़ीकरण के दायरे में आ रहा हैं। इसलिए उन्होंने बीएमसी का नोटिस मिलने के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

कोर्ट से स्टे मिलने के बाद बीएमसी ने मार्ग की चौड़ीकरण का काम रोक दिया था। पिछले वर्ष बीएमसी के प्रयास पर कोर्ट ने स्टे हटा लिया। इसके बाद बीएमसी ने केवी सत्यमूर्ति का बंगला तोड़ दिया है, लेकिन अमिताभ के बंगले को अभी हाथ भी नहीं लगाया गया। इसे लेकर स्थानीय पार्षद अधिवक्ता ट्यूलिप ब्रायन मिरांडा ने बीएमसी अधिकारियों पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे। केवी सत्यमूर्ति द्वारा भी बीएमसी पर पक्षपात का आरोप लगाया जा रहा था। इसलिए अब बीएमसी ने बंगले की दीवार तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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