न्यूज – नागरिकता संशोधन बिल को कानून का रूप लेने के बाद आरएसएस की तरफ से पहली बार बयान आया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदुत्व पर बड़ा बयान दिया है। मोहन भागवन ने संघ की नजर में 130 करोड़ की आबादी हिंदू बताया, मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत में लोगों की संस्कृति और धर्म चाहे जो भी, वह हिंदू है।
भागवत ने आगे कहा कि जो राष्ट्रवादी हैं, जो भारतीय संस्कृति का सम्मान करते हैं, वे सब हिंदू हैं, सभी समाज हमारा है और संघ सबको एक करना चाहता है, मोहन भागवत ने ये बातें हैदराबाद के विजय संकल्प सभा के दौरान कहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इस विजय संकल्प सभा में बीजेपी महासचिव राम माधव, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी सहित तेलंगाना राज्य के सभी सांसद और पार्टी के अन्य पदाधिकारी पहुंचे थे।
भागवत ने अपने भाषण में ब्रिटिश राज और उनके फूट डालो और राज करो की नीति की भी याद दिलाई. इसके साथ ही संघ प्रमुख ने रवीन्द्र नाथ टैगोर की बात भी दोहराई जिन्होंने हिंदू और मुसलमानों के बीच एकता पर जोर दिया था। मोहन भागवत ने टैगोर के निबंध 'स्वदेशी सभा' का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय समाज का स्वभाव एकता की ओर बढ़ना है।
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में पैदा होने वाला प्रत्येक व्यक्ति हिंदू है, वे अलग-अलग धर्मों का पालन कर रहे हैं जो अलग-अलग हैं लेकिन सभी भारतीय हैं और भारत माता की संतान हैं, आपको बता दें कि मोहन भागवत बुधवार को हैदराबाद के सरूर नगर स्टेडियम में आयोजित 'विजय संकल्प सभा' के मुख्य अतिथि थे, इसमें भाग लेने के लिए करीब 20 हजार संघ कार्यकर्ता अपने गणवेष में पहुंचे थे. संघ कार्यकर्ताओं ने लाठी के साथ मार्च भी किया था।