भारतीय-अमेरिकियों ने किया पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत: वंदे मातरम-भारत माता के नारों से गूंजा न्यूयॉर्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान न्यूयॉर्क पहुंचे। यहां वह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी ने शुक्रवार रात न्यूयॉर्क के एक होटल के बाहर भारतीय-अमेरिकियों से मुलाकात की।
भारतीय-अमेरिकियों ने किया पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत: वंदे मातरम-भारत माता के नारों से गूंजा न्यूयॉर्क
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान न्यूयॉर्क पहुंचे। यहां वह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी ने शुक्रवार रात न्यूयॉर्क के एक होटल के बाहर भारतीय-अमेरिकियों से मुलाकात की। यहां लोगों ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाए और मोदी ने हाथ हिलाकर सबका अभिवादन स्वीकार किया।

आतंकवाद समेत इन मुद्दों को UN में उठाएगा भारत

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, टीकों की न्यायसंगत और सस्ती पहुंच, इंडो-पैसिफिक और संयुक्त राष्ट्र में सुधार जैसे वैश्विक मुद्दों पर महासभा में अपनी आवाज उठा सकता है। टीकों की सस्ती और समान पहुंच भी भारत के एजेंडे में शामिल है।

कब तक होगा प्रधानमंत्री का संबोधन?

प्रत्येक नेता को UNGA में संबोधित करने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है। सभी देशों के प्रतिनिधियों को समय सीमा का विशेष ध्यान रखना पड़ता है, लेकिन कई नेता इस पर ध्यान नहीं देते। जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को 30 मिनट का भाषण दिया। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2016 में 47 मिनट, 2015 में 43 मिनट और 2014 में 39 मिनट का भाषण दिया था।

पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बिच 1 घंटे चली बातचीत

पीएम मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। करीब एक घंटे तक चली इस मुलाकात का भारतीय-अमेरिकियों को बेसब्री से इंतजार था। कोविड के चलते इस बार प्रधानमंत्री का कोई सार्वजनिक कार्यक्रम या जनसभा नहीं हुई। इसके बावजूद भारतीय मूल के सैकड़ों लोग व्हाइट हाउस के बाहर जमा हो गए। दुनिया के दो महान लोकतांत्रिक देशों के नेताओं की मुलाकात को लेकर इन लोगों में खासा उत्साह था।

ये थी मोदी-बाइडेन की पहली मुलाकात

बाइडेन ने 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद यह पहला मौका था जब दोनों नेताओं ने आमने-सामने बैठकर बात की। दोनों देशों के लिए समान चुनौतियां हैं। दोनों देशों में कोविड का कहर पूरी तरह थमा नहीं है। तेजी से टीकाकरण एक बड़ी चुनौती है और अफगानिस्तान से एक ताजा और साझा चुनौती सामने आ रही है।

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