टूलकिट विवाद: दिल्ली पुलिस के नोटिस के बाद एक्टिव हुआ ट्विटर हेडक्वार्टर, बाइडेन सरकार के पास जा सकता हैं मामला

टूलकिट मामले में ट्विटर इंडिया को दिल्ली पुलिस के नोटिस के बाद सोशल मीडिया कंपनी का अमेरिकी मुख्यालय सक्रिय हो गया हैं। दिल्ली पुलिस के अधिकारी सोमवार को ट्विटर कार्यालय पहुंचे। इसके बाद ट्विटर ने मामले को अपने ग्लोबल डिप्टी जनरल काउंसल और लीगल वीपी जिम बेकर को सौंपा है।
टूलकिट विवाद: दिल्ली पुलिस के नोटिस के बाद एक्टिव हुआ ट्विटर हेडक्वार्टर, बाइडेन सरकार के पास जा सकता हैं मामला
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डेस्क न्यूज़- टूलकिट मामले में ट्विटर इंडिया को दिल्ली पुलिस के नोटिस के बाद सोशल मीडिया कंपनी का अमेरिकी मुख्यालय सक्रिय हो गया हैं। दिल्ली पुलिस के अधिकारी सोमवार को ट्विटर कार्यालय पहुंचे। इसके बाद ट्विटर ने मामले को अपने ग्लोबल डिप्टी जनरल काउंसल और लीगल वीपी जिम बेकर को सौंपा है। बेकर ने अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के साथ भी काम किया है।अब टूलकिट विवाद में अमेरिका भी आ गया हैं।

ट्विटर हेडक्वार्टर लगातार भारत स्थित दफ्तर के संपर्क में है

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में

कहा है कि टूलकिट मामले को लेकर ट्विटर अमेरिकी

सरकार के पास भी जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि

केवल एक अच्छी बात यह है कि कोरोना के बिगड़ते

हालात के चलते ट्विटर इंडिया कार्यालय बंद है और अब इस मामले में अमेरिकी मुख्यालय ने हस्तक्षेप किया है।

ट्विटर मुख्यालय भारत स्थित कार्यालय के लगातार संपर्क में है।

नोटिस के बाद ट्विटर मुख्यालय में तनाव

ट्विटर तब से केंद्र सरकार के निशाने पर है, जब से उसने बीजेपी नेताओं के पोस्ट को मैनिपुलेटेड मीडिया (तोड़-मरोड़कर पेश किया गया मीडिया) शब्द से टैग किया है। अब दिल्ली पुलिस भी टूलकिट जांच को लेकर दिल्ली और गुड़गांव स्थित ट्विटर कार्यालयों में गई है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद ट्विटर मुख्यालय में तनाव का माहौल है। पुलिस की कार्रवाई की सूचना तुरंत मुख्यालय को दी गई, ऐसे समय में जब अमेरिका में सुबह भी नहीं हो पाई थी।

दिल्ली पुलिस ने कहा- हम सच जानना चाहते हैं

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टूलकिट और मैनीपुलेटेड मीडिया मामले की जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि हम जिस शिकायत की जांच कर रहे हैं, हमें ट्विटर से स्पष्टीकरण चाहिए। हमें लगता है कि ट्विटर के पास कुछ ऐसी जानकारी है, जो हम नहीं जानते। ट्विटर इन्हें क्लासीफाइड बता रहा है, लेकिन हमारी जांच के लिए ये जरूरी हैं। हम सच जानना चाहते हैं।

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