नोरा फतेही का संघर्ष : कभी वेट्रस से लेकर लॉटरी तक बेंची ,8 लड़कियों संग करती थीं रूम शेयर पढ़िए

नोरा ने बताया कि किस तरह से विषम परिस्थितियों में उन्होंने स्वयं को संभालना सीखा और खुद को बेहतर तरीके से पेश किया। उन्हें अपने संचार कौशल पर भी काम करना पड़ा। नोरा ने अपने इंटरव्यू में कहा, मैं जब 16 साल की थी उस वक्त मैंने वेट्रेस के रूप में काम किया जो कि बहुत मुश्किल था।
Photo: instagram
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अभिनेत्री नोरा फतेही आज भले ही एक बड़ी स्टार हों, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। नोरा फतेही कभी वेट्रेस तो कभी लॉटरी बेचने का भी काम कर चुकी हैं। उन्होंने अपने हालिया इंटरव्यू में उस वक्त को याद किया, जब कनाडा में अपनी कोशोरावस्था में उन्हें वेट्रेस का काम करना पड़ता था। नोरा ने बताया कि उन्होंने दो साल तक वेट्रेस का काम किया और यह सीखा कि कमाई का महत्व क्या होता है।

16 साल की उम्र मे वेट्रस की नौकरी की

नोरा ने बताया कि किस तरह से विषम परिस्थितियों में उन्होंने स्वयं को संभालना सीखा और खुद को बेहतर तरीके से पेश किया। उन्हें अपने संचार कौशल पर भी काम करना पड़ा। नोरा ने अपने इंटरव्यू में कहा, मैं जब 16 साल की थी उस वक्त मैंने वेट्रेस के रूप में काम किया जो कि बहुत मुश्किल था। इसके लिए आपके पास अच्छा संचार कौशल, व्यक्तित्व और तेज-तर्रार होना चाहिए। आपके पास एक अच्छी याददाश्त भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, कभी-कभी ग्राहक मतलबी हो सकते हैं, इसलिए आपको परिस्थितियों को संभालने में सक्षम होना चाहिए।

नोरा ने कनाडा में दो साल तक वेट्रेस का काम किया। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि स्ट्रगलिंग डेज में वह एक ऐसे पीजी में रहती थीं, जहां 8 लड़कियों के साथ कमरा साझा करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि हिंदी ना आने के चलते भी उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। कई बार उन पर भद्दे कमेंट्स भी किए जाते थे।

नोरा ने खुलासा किया कि संघर्ष के दिनों में उनका सामना एक कास्टिंग एजेंट से हुआ था, जिसने ना सिर्फ उन्हें ह्यूमिलिएट किया, बल्कि उनके चेहरे और बॉडी को लेकर भद्दी टिप्पणियां भी कीं। उनका मजाक भी उड़ाया।

कनाडा की संस्कृति मे पतला होना अच्छा नहीं 

नोरा ने कहा कि कनाडा में एक ऐसी संस्कृति है, जहां सबके पास नौकरी होनी चाहिए। आप स्कूल जाने के साथ ही काम भी कर रहे होते हो। जब नोरा से पूछा गया कि वह अपने फिगर को कैसे मेंटेन करती हैं, तो उन्होंने कहा कि वह एक ऐसी संस्कृति से आती हैं, जहां पतला होना अच्छा नहीं है।

नोरा ने कहा कि उनकी संस्कृति में महिला शरीर में मोटाई और सुडौलता से प्यार करती हैं। उन्होंने कहा कि वह भी हमेशा मोटा होने, सुडौल दिखने और वजन बढ़ाने की कोशिश करती हैं। उन्होंने इसे एक सांस्कृतिक मानसिकता बताया। गौरतलब है कि नोरा को हाल ही में रिलीज हुई वॉर ड्रामा फिल्म भुज में देखा गया था। नोरा ने साफ कहा कि उनके देश में दुबली-पतली लड़कियों को खास पसंद नहीं किया जाता है। जिसके कारण हम लगातार खाते रहते हैं। इस शो में नोरा ने कनाडा के फूड को लेकर भी चर्चा की |

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