न्यूज – पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर समर्थन जुटाने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहा है लेकिन उसे कहीं से भी उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही है। यही वजह है कि अब उसने नया पैंतरा चलते हुए दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् (यूएनएचआरसी) में जम्मू और कश्मीर की परिस्थिति को लेकर उसने जो संयुक्त बयान जमा कराया है उसे 60 देशों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि यह देश कौन हैं इसके बारे में उसने बताने से मना कर दिया है।
मंगलवार को यूएनएचआरसी में बयान देने के बाद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की वेबसाइट पर लिखा है कि उसके जम्मू-कश्मीर वाले बयान को 60 देशों का समर्थन हासिल है लेकिन उसने समर्थन करने वाले देशों की पहचान नहीं बताई है। जेनेवा में यूएनएचआरसी में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने कहा कि इन देशों की सूची को भारतीय प्रतिनिधिमंडल को सौंपा जाएगा। मामले की जानकारी रखने वाले लोगो ने कहा कि ऐसी कोई सूची नहीं दी गई।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के बयान को ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन (ओआईसी) के 57 सदस्यों और पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन का समर्थन प्राप्त है। हालांकि आईओसी के सदस्य देशों जैसे कि इंडोनेशिया ने भारतीय प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान खुद को इससे दूर रखा है।
एक अधिकारी ने कहा, 'तथ्य यह है कि सूची को सार्वजनिक नहीं किया गया है, इसका मतलब है कि कुछ गड़बड़ है। बेशक पाकिस्तान का कहना है कि इन देशों ने निजी तौर पर उससे बात की है लेकिन उन देशों ने सार्वजनिक तौर पर इस मामले पर कुछ नहीं कहा है।' भारत पाकिस्तान के उस कदम पर कड़ी नजर बनाए हुए है जिसमें वह यूएनएचआरसी में कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव रखकर उसपर तुरंत बहस करने की कोशिश कर रहा है।
एक सूत्र ने कहा, 'किसी मुद्दे पर प्रस्ताव पेश करने या तत्काल चर्चा के लिए यूएनएचआरसी सदस्यों के एक बहुमत की जरूरत होती है।' यूएनएचआरसी में अफ्रीका, एशिया, यूरोप और लैटिन अमेरिका के 47 देशों के सदस्य हैं। भारतीय राजनयिकों ने कश्मीर मुद्दे पर देश की स्थिति के लिए समर्थन बढ़ाने के लिए व्यापक कार्य शुरू किया है। यूएनएचआरसी में केवल चीन और पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को अपने राष्ट्रीय बयानों में उठाया। जबकि किसी और देश ने इसका जिक्र तक नहीं किया।