डेस्क न्यूज़- राजस्थान में इस बार बांधों की स्थिति भयावह हो गई है, 25 जुलाई तक सामान्य से 32 फीसदी कम बारिश से हालात और खराब होते दिख रहे हैं राज्य के कुल 727 बांधों में से 60 फीसदी ऐसे हैं कि यहां पानी की एक बूंद भी नहीं है, बड़ी बात यह है कि पेयजल आपूर्ति की दृष्टि से महत्वपूर्ण 6 बांध में पानी काफी कम हो गया है, इनमें बीसलपुर (टोंक), जवाई बांध, रायपुर लूनी (पाली), ल्हासी बांध (बारां), नंदसमंद (राजसमंद), स्वरूप सागर (उदयपुर) शामिल हैं, अगले दो महीनों के बाद इन बांधों से आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना है।
सबसे गंभीर स्थिति पाली और उससे सटे इलाके सोजत जैतारण में देखने को मिल रही है, पाली के लोगों के लिए जवाई बांध पानी का सबसे बड़ा स्रोत है, यहां सिर्फ 14.26 फीसदी पानी बचा है, अगले है, जयपुर, अजमेर के लोगों के लिए भी परेशानी बढ़ सकती है, बीसलपुर बांध में केवल 225.51 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी बचा है, जो इसकी कुल भरने की क्षमता का केवल 23.40 प्रतिशत है, बांध से हर महीने 28.50 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आपूर्ति हो रही है, इस हिसाब से डैम में सिर्फ 219 दिन का पानी बचा है, इसे देखते हुए जल स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) ने जयपुर के लिए बांध से 50 एमएलडी पानी की आपूर्ति कम कर दी है।
बीसलपुर बांध की स्थिति पर नजर डालें तो साल 2020 में 25 जुलाई तक बांध 54 फीसदी भरा हुआ था, इस बार यह 24 फीसदी से भी कम है, यही हाल बूंदी के गुढ़ा बांध का है, यहां भी पिछले साल 25 जुलाई तक 40 फीसदी भरा गया था, लेकिन इस बार यह 13 फीसदी से कम है।
राजस्थान के 14 जिलों में 22 बड़े बांध हैं, जिनकी पानी भरने की क्षमता 4.24 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक है, इसमें जयपुर के तीन बांध सालों से सूखे हैं, इनमें रामगढ़, छपरवाड़ा और कलाख सागर शामिल हैं, टोंक का तोरडी सागर और भीलवाड़ा का मेजा बांध भी खाली पड़ा है, इनके अलावा 9 ऐसे बांध हैं, जो 30 फीसदी या उससे कम भरे हुए हैं, इनमें प्रतापगढ़ का जाखम बांध, राजसमंद का राजसमंद झील, पाली का जवाई और सरदार समंद, बूंदी का गुढ़ा, धौलपुर का पार्वती बांध, दौसा का मोरेल, टोंक का गलवा और बीसलपुर शामिल है।