राजेन्द्र राठौड़ :विष्णुदत्त बिश्नोई प्रकरण की न्यायिक जांच हो

आत्महत्या मौजूदा पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली पर करारा तमाचा है।
राजेन्द्र राठौड़ :विष्णुदत्त बिश्नोई प्रकरण की न्यायिक जांच हो

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष व चूरू विधायक राजेन्द्र राठौड़ ने चूरू जिले के राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई की आत्महत्या पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए सरकार से उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है।

राठौड़ ने इस संबंध में दूरभाष पर पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र यादव व अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) श्री राजीव स्वरूप से बात कर इस अधिकारी विष्णुदत्त को न्याय दिलाने के लिए उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले राजनीतिज्ञ व पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की।

राठौड़ ने कहा कि बिगड़ी सरकारी व्यवस्था व स्थानीय राजनीतिज्ञों के अपराधियों के पक्ष में बेजा दबाव से प्रताड़ित होकर एक जांबाज पुलिस अधिकारी की आत्महत्या मौजूदा पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली पर करारा तमाचा है।

राठौड़ ने कहा कि एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में जनमानस में बेहद लोकप्रिय छवि के पुलिस अधिकारी विष्णुदत्त का स्थानांतरण किए जाने पर राजनीतिक दबाव पिछले दो माह से पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ था। अपराधियों से गठजोड़ व कमजोर प्रशानसिक क्षमता वाले अधिकारियों के कारण दो दिन पूर्व ही विष्णुदत्त के मातहत काम करने वाले चार कांस्टेबल को लाइन हाजिर करने व विगत एक माह में 7 कांस्टेबल व हैड कांस्टेबल को अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही करने पर अकारण हटाये जाने से विष्णुदत्त काफी व्यतीत थे जिसकी चर्चा आम थी तथा कल उनके द्वारा किए गए वाट्सएप चैट के प्रमाणित दस्तावेज इसकी पुष्टि भी करते हैं जो संलग्न भी है।

राठौड़ ने कहा कि गृहमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री की कमजोर पकड़ व निष्पक्ष उच्च पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली का राजनैतिक दृष्टि से आकलन करने का परिणाम यह है कि प्रदेश में अपराधियों को खुला राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हो रहा है, अपराधों का ग्रााफ लगातार बढ़ रहा है व कोई भी ईमानदार पुलिस अधिकारी फील्ड पोस्टिंग से बचना चाहते हैं।

राठौड़ ने कहा कि राजगढ़ (चूरू) से विष्णुदत्त की ईमानदार व कर्त्तव्यनिष्ठ छवि के कारण उनके पक्ष में जब भी स्थानांतरण किए जाने की चर्चा उठी तो दर्जनों व्यापारिक संगठनों व सामाजिक संगठनों ने विभिन्न स्तर पर ज्ञापन देकर उन्हें स्थानांतरित नहीं किए जाने की मांग इस बात को प्रमाणित करती है कि वो अत्यन्त जनप्रिय व निष्पक्ष पुलिस अधिकारी थे।

राठौड़ ने कहा कि अनुशासित पुलिस बेड़े में इस प्रकार की घटना से विभाग में कार्यरत पुलिस कांस्टेबल व अधिकारी भी व्यथित है। राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार तुरंत विष्णुदत्त की आत्महत्या के कारक बने राजनीतिज्ञ, पुलिस अधिकारी का चेहरा बेनकाब करने के लिए न्यायिक जांच करवाये व विष्णुदत्त के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा व आश्रितों को नियुक्ति दें।

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