राजस्थान में राजनीती मंत्री मंडल के विस्तार के बाद हिचकौले खाने लगी है। गहलोत मंत्री मंडल में सलाहकारों के शामिल होने के बाद से राजस्थान में एक बार फिर से एक ही पार्टी में दो गुट फिर आमने सामने होने लगे है। और दोनों का आरोप प्रत्यारोप फिर से होने लगे है पायलट के खिलाफ अब उन्ही के गुट के नेता उन पर गंभीर आरोप दागने लगे है। इससे यह तस्वीर भी साफ़ होती है की अभी तक मनमुटाव जारी है और पायलट – गहलोत की दूरिया अभी नजदीकियों में नहीं बदली है।
वही रामकेश ने कहा- सचिन पायलट ने हाईकमान को गुमराह किया। बार-बार हाईकमान के पास जाकर कहा कि कांग्रेस का बहुमत है। निष्ठावान कार्यकर्ताओं को तवज्जो मिलना चाहिए, ये बातें करके हाईकमान को गुमराह किया। हकीकत तो यह है कि निर्दलीय विधायक सरकार के साथ नहीं होते तो सरकार नहीं बचती।
रामकेश ने कहा- बसपा से आने वाले साथियों और निर्दलियों ने कोई अपराध नहीं किया। ये यब विधायक मूल रूप से कांग्रेस बैकग्राउंड के ही थे, लेकिन इनके टिकट काट दिए। पायलट ने मेरा भी टिकट काट दिया। मेरा टिकट कटवाने के लिए पायलट जो कर सकते थे वह किया। बंदर बांट की फेहरिस्त लंबी है। पायलट की वजह से निर्दलीय जीतकर आने वालों का टिकट कटा। पायलट ने जिनका भी टिकट काटा वे जनाधार वाले लोग थे। जनाधार वाले नेताओं का टिकट नहीं नहीं काटते, पूरी कमान पायलट के हाथ नहीं होती तो कांग्रेस की 150 से ज्यादा सीटें आतीं। निर्दलियों ने तन मन धन लगाकर 34 दिन सरकार का साथ दिया था।
रामकेश मीणा के बयान से साफ हो गया है कि कांग्रेस में आपसी खींचतान कम नहीं होगी। गहलोत पायलट कैंप के बीच दिखावे के तौर पर एक बार सुलह भले लग रही हो लेकिन हकीकत अलग है। सीएम के सलाहकार के बयान के मायने होते हैं, ऐसे में दोनों खेमों के बीच आगे भी टकराव जारी रहने की संभावना है।