न्यूज – लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान मोटर गाड़ियों की आवाजाही पर कुछ प्रतिबंध हटने के बाद अब पेट्रोल पंपों पर भीड़ जुटने लगी है। इसी के साथ करंसी नोटों के जरिए वायरस फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। इसे देखते हुए पेट्रोल पंपों पर करंसी नोट स्टर्लाइजर या सेनेटाइजर लगाने का काम शुरू हो गया है। छोटे सेफ की तरह दिखने वाली इस मशीन में करंसी नोट महज 20 सेकेंड में सेनेटाइज हो जाता है। इससे नोटों को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है।
दिल्ली के पांच पेट्रोल पंपों से इस मशीन को लगाने की शुरुआत की गई। आईपीडीए के अनुसार अभी तक दिल्ली-एनसीआर के 30 से ज्यादा पंपों पर यह मशीन लग गई है। पूरे देश की बात करें तो अभी तक देश के करीब 500 पंपों पर यह मशीन लगाई जा चुकी है। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स असोसिएशन (एआईपीडीए) के अध्यक्ष अजय बंसल का कहना है कि भले ही डिजिटल लेन-देन का काफी प्रसार हो चुका है, लेकिन अभी भी पेट्रोल पंपों पर नकदी में ही ज्यादा पेट्रोल डीजल खरीदा जाता है। ऐसे में पंप के सेल्समैन को कोरोना होने का खतरा ज्यादा है। इसी से बचाव के लिए संगठन ने देशभर में करंसी नोटों को सेनेटाइज करने की मशीन लगाने का फैसला किया।
बंसल का कहना है कि जबसे लॉकडाउन हुआ है तभी से उनकी नजर इस तरह की मशीन बनाने वालों पर थी। उन्हें एक ऐसे उपकरण निर्माता मिले जो अस्पतालों और क्लिनिक के लिए मशीनें बनाते हैं। उनसे विशेष रूप से इस मशीन को बनवाया गया और कहा गया कि इसे देश के 65,000 पेट्रोल पंपों पर लगाना है। इसलिए वह मशीन की कीमत कम रखे। इसकी कीमत करीब 8000 रुपये तय की गई है।
इस मशीन में करंसी नोट डाल कर बंद कर दिया जाता है। जैसे मशीन का दरवाजा लॉक होता है, इसमें चारों तरफ लगे यूवी लैंप से अपने आप अल्ट्रा वॉयलेट-सी किरणें निकलने लगती हैं। इसमें पंखा भी लगाया गया है, तकि यूवी-सी रे फैलकर करेंसी नोट के हर हिस्से को सेनेटाइज कर सके। महज 20 सेकेंड में ही यह मशीन नोट को सेनेटाइज कर देती है। इसके बाद मशीन में लगा बजर अपने आप बजने लगता है। उसके बाद नोट निकाल लीजिए जो हर प्रकार के वायरस से मुक्त है।