प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है। इसके तीन दिन बाद, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी-एनपीआर) के फैसले को भी निरस्त किया जाना चाहिए। असदुद्दीन ओवैसी ने चेतावनी दी कि अगर सीएए और एनआरसी को खत्म नहीं किया गया, तो प्रदर्शनकारी "सड़कों पर उतरेंगे और इसे शाहीन बाग में बदल देंगे"।
रविवार को यूपी के बाराबंकी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, "सीएए संविधान के खिलाफ है, अगर बीजेपी सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है, तो हम सड़कों पर उतरेंगे और यहां एक और शाहीन बाग बन जाएगा।" दिल्ली का शाहीन बाग सीएए और एनआरसी के विरोध का केंद्र रहा है। सीएए के विरोध में सैकड़ों महिलाओं ने जिस विरोध स्थल पर कई महीनों तक डेरा डाला था, उसे दिल्ली पुलिस ने 2020 की शुरुआत में COVID-19 महामारी के कारण हटा दिया था।
एआईएमआईएम प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला। ओवैसी ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी देश के सबसे बड़े 'नौटंकी' हैं, और गलती से राजनीति में आ गए हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री के बारे में कहा, "नमस्ते नरेंद्र मोदी जी, आप क्या एक्टिंग कर रहे हैं! मोदी गलती से राजनीति में आ गए और बॉलीवुड अभिनेता बच गए। अगर वह बॉलीवुड में होते तो उन्हें सभी बेहतरीन अभिनेता के पुरस्कार मिलते। असदुद्दीन ओवैसी ने कृषि कानूनों के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अचानक आ गए और उन्होंने कहा कि हमारी तपस्या में कमी थी। ओवैसी ने कहा कि तपस्या उन किसानों की थी जिन्होंने एक साल तक संघर्ष किया। उन्होंने किसी भी हाल में अपनी जमीन नहीं छोड़ी।
ओवैसी ने आगे भाजपा सरकार पर हमला किया और मुस्लिम समुदाय के पिछड़ेपन और बेरोजगारी के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया, "आज यूपी में अंसारी समुदाय और कुरैशी समुदाय बर्बादी के कगार पर हैं। सरकार ने उन्हें बेरोजगार कर दिया है। कुरैशी समुदाय की मीट की दुकानों पर ताला लगा दिया गया है, बूचड़खाने बंद हो गए हैं और बुनकरों की आय में कमी आई है।' ओवैसी ने आगे कहा की, "सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है उसने इस समाज के लिए कोई काम नहीं किया है।'