भारत की वो महिलाएं जिन्होनें अपने दम पर राजनीति में नाम कमाया…

टॉप टेन वूमनस्..
भारत की वो महिलाएं जिन्होनें अपने दम पर राजनीति में नाम कमाया…

आज हम आपको बतायेगे भारतीय राजनीति की 10 वो महिलायें जो जिन्होनें अलग क्षेत्र से आकर राजनीति में पैर अपने जमाए।

 1.  नुसरत जंहान बंगाली अभिनेत्री ने हाल की लोकसभा चुनावों में ममता बनर्जी की पाटी से बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडां और बीजेपी उम्मीदवार को हराया। जनवरी 1990 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक मुस्लिम परिवार में जन्मी नुसरत जहां एक प्रसिद्ध बंगाली अभिनेत्री है। उनका पुरा नाम नुसरत जंहान रूही है। करीब 20 से अधिक बंगाली फिल्मों में काम कर चुकी नुसरत 2010 का फेयर वन मिस कोलकाता का खिताब भी जीत चुकी है।

2.   छवि राजावत का राजनीति का वो नाम है जो लोगो ने कम ही सुना होगा। जयपुर से 60 किलोमीटर दूर टोंक जिले के छोटे से गांव सोड़ा की सरपंच हैं। वे भारत की सबसे कम उम्र की और शायद एकमात्र एमबीए सरपंच हैं।

वे नवंबर 2013 में स्थापित किये गए भारतीय महिला बैंक में एक निदेशक के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुकी है।

4 फ़रवरी 2011 को छवि ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी को रिकॉर्ड 1200 मतों से हराकर सरपंच चुनाव में जीत दर्ज की। चुनाव जीतने के बाद छवि ने कहा कि 'मैं गांव में सेवा करने के उद्देश्य से आई हूं। वह अपने गांव में वॉटर हार्वेस्टिंग के जरिये पानी बचाने का संदेश छोटे से गांव से पुरे देश में फैला रही है। साथ ही सभी योजनाओं पर पैनी नजर रखती हैं और सक्रिय कदम उठाती हैं। 

मई 2011 में पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने नई दिल्ली में प्रौद्योगिकी दिवस समारोह में छवि को भारतीय युवा नेत्री ख़िताब से नवाजा था।

3. – महुआ मोइत्रा ने न्यूयॉर्क सिटी और लंदन में जेपी मॉर्गन चेस के लिए एक निवेश बैंकर के रूप में काम किया। भारतीय राजनीति में प्रवेश करने के लिए उन्होंने 2009 में जेपी मॉर्गन चेस में उपाध्यक्ष के रूप में अपना पद छोड़ दिया
2010 में, वह अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई और 2016 में हुए विधान सभा चुनावों में वह पश्चिम बंगाल में करीमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गई। 2019 के लोकसभा में टीएमसी से सांसद बनी और लोकसभा में सरकार को घेरते हुए शानदार स्पीच दी। 


महुआ मोइत्रा विवादों में रही.. 


10 जनवरी 2017 को, मोइत्रा ने राष्ट्रीय टेलीविजन बहस के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के खिलाफ कथित तौर पर "उनकी विनम्रता का अपमान" करने के लिए पुलिस में शिकायत की थी। 

4.-  स्मृति ईरानी-  टीवी पर धमाल मचाने वाली स्मृति ईरानी ने राजनीति में 2003 में प्रवेश किया, 2019 के लोकसभा चुनावों में अमेठी से राहुल गांधी को हराकर उन्होनें इतिहास रचा।  स्मृति ज़ुबिन ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 को दिल्ली में हुआ और उन्होनें यही पर शिक्षा ग्रहण की। मिस इंडिया प्रतियोगिता की प्रतिभागी भी बनी। इसके बाद में वे मुबंई चली गई और उन्होंने टेलीविजन धारावाहिक क्योकि सास भी कभी बहू थी में 'तुलसी' का  किरदार निभाया और इस किरदार ने उनको देश में लोकप्रिय बना दिया। स्मृति ईरानी अभी मोदी सरकार में महिला,बाल विकास और कपडा मंत्री है।

5. अल्का लांबा – आम आदमी पाटी की चांदनी चौक से विधायक अल्का लांबा छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रही,

2013 में आम आदमी पाटी ज्वाइन करने से पहले वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष, भारत के राष्ट्रीय छात्र संघ की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व महासचिव और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव रह चुकी है, अल्का लांबा का जन्म 21 सिंतबर 1971 को दिल्ली में जन्म हुआ और वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है।

6-. प्रिंयका गांधी वाड्रा – प्रियंका गांधी वाड्रा का जन्म गांधी परिवार में 12 जनवरी 1972 को दिल्ली में हुआ, वो भारत के पुर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और वर्तमान यूपीए चैयरपर्सन सोनिया गांधी की पुत्री है। प्रियंका गांधी का विवाह बिजनेसमैन राबर्ट वाड्रा से हुआ। जिनसे उन्हें दो संताने है।

 प्रियंका गांधी लंबे समय तक राजनीति से दूर रही ,हालाकि वो 2004 से ही कांग्रेस के लिए प्रचार करती रही लेकिन आधिकारिक तौर पर 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले राजनीति में शामिल हुई।

प्रियंका गांधी वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव है साथ ही पूर्वी यूपी की प्रभारी भी हैं

7. हेमा मालिनी एक ऐसी अभिनेत्री और राजनेता है जो कभी असफल नहीं हुई,

16 अक्टूबर 1948 को मद्रास में जन्मी  हेमा मालिनी एक अभिनेत्री होने के साथ साथ एक लेखिका और राजनेता भी है। ड्रीमगर्ल के नाम से मशहूर हेमा मालिनी ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत राज कपुर  के साथ फ़िल्म ' से की। 1981 में अभिनेता धर्मेन्द्र से शादी कर ली। उन्हें वर्ष 2000 में पद्मश्री से सम्मानित भी किया जा चुका है। फिल्मी करियर में सफलता का शिखर छुने के बाद उन्होनें समाज सेवा का भी फैसला लिया और वो राजनीति में आ गई।

1999 में हेमा मालिनी ने बीजेपी के उम्मीदवार विनोद खन्ना के लिए चुनाव प्रचार किया, लेकिन हेमा मालिनी का राजनीति सफर अधिकारिक तौर पर तब शुरू हुआ जब वो 2004  में बीजेपी में शामिल हो गईं,

इसके बाद 2009 तक वे राज्यसभा की सदस्य रहीं, 2010 में पार्टी ने उन्हें जनरल सेक्रेटरी बनाया, और 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें मथुरा सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया, मथुरा से वो दोनो बार जीतकर आयी।

8.  हरसिमरत कौर बादल – 25 जूलाई 1966 को पंजाब में जन्मी हरसिमरत कौर पंजाब के बादल परिवार से ताल्लुक रखती है। हरसिमरत कौर बादल ने लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल, नई दिल्ली से अपनी स्कूली शिक्षा की। वह एक मैट्रिकुलेट हैं और कपड़ा डिजाइन में डिप्लोमा किया है।

 हरसिमरत कौर बादल पंजाब के बठिंडा लोकसभा क्षेत्र से सांसद है और भारत सरकार में खाद्य मंत्री है, वह शिरोमणि अकाली दल पाटी की नेता है। उनके पति सुखबीर सिंह बादल पंजाब के उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष रहे है।

9.  नगमा

नदिता मोरारजी और नम्रता सदाना, जो कि नगमा के नाम से भी लोकप्रिय है उनका जन्म 25 दिसम्बर 1974 को क्रिसमस डे के दिन एक मुस्लिम मां और हिन्दू पिता के घर हुआ था। नगमा ने हिन्दी, फिल्मों के अलावा तेलुगु , तमिल, कन्नड,मलयालम, बंगाली, भोजपुरी, पंजाबी, और मराठी जैसी फिल्मों में काम किया है।

नगमा राजनीति में भारतीय कांग्रेस पाटी की एक मुखर समर्थक रही, 2007 में आंध्र प्रदेश से राज्यसभा में सीट के लिए नगमा के नाम की सिफारिश की गई थी। अप्रैल 2004 के चुनाव के दौरान वे आंध्र में कांग्रेस पार्टी की एक प्रमुख स्टार प्रचारक थीं।

नगमा के बारे में कहा जाता है कि पहले भाजपाने उन्हें लुभाने की कोशिशें की, बताया जाता है कि बीजेपी ने उन्हें हैदराबाद से टिकट देने की पेशकश की थी।

10 –  डिपल यादव  डिपल यादव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव की धर्मपत्नी हैं जो कि कन्नोज से सांसद रह चुकी हैं। राजनीति में आने के बाद डिंपल यादव अपना पहला चुनाव हार गई थी। लेकिन 2012 के लोकसभा उपचुनावों में उन्होनें निर्विरोध जीतकर एक नया कीर्तिमान बनाया। उपचुनावों में उनके सामने कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी ने कोई उम्मीदवार ही नही उतारा। राजनीति में अपने पति का हाथ बटाने के लिये वे पुर्व मुख्य मन्त्री अखिलेश यादव का ट्वीटर औऱ फेसबुक अकाउंट खुद देखती हैं। डिंपल यादव उत्तर प्रदेश में सेलेब्रिटी सांसद के नाम से भी जानी जाती हैं। हर बड़े बिजनेस घराने और संस्थान के अपने कार्यक्रमों में डिंपल यादव को आमंत्रित करने की होड़ सी मची रहती हैं

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