डेस्क न्यूज. भारतीय वायुसेना ने फिर एक बार चीन से सटी सीमा पर ताकत दिखाई है। यहां सुखोई-30, एमकेआई और मिग-29 फाइटर प्लेन उड़ान भर रहे हैं। इस मौके पर एक स्क्वाड्रन लीडर ने कहा- इस बेस पर तैनात वायुसेना का हर हवाई योद्धा पूरी तरह से प्रशिक्षित और सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। हमारा जोश हमेशा हाई रहा है और गौरव से अासमान छूता रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गलवान झड़प के 18 दिन बाद शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। यहां उन्होंने जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने अफसरों से सीमा की स्थिति का जायजा लिया। वे मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती जख्मी सैनिकों से भी मिले। मोदी ने लद्दाख स्थित नीमू बेस पर थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ एमएम नरवणे भी थे। मुलाकात के बाद जवानों ने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाए।
मोदी ने कहा, ''आज जिस कठिन परिस्थिति में आप देश की हिफाजत करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप तैनात हैं। आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है, जिसे आप रोज कदमों से नापते हैं। आपकी इच्छाशक्ति आसपास के पर्वतों जैसी अटल है।''
15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अभी तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।
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