भारतीय सेना को मिले 12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम, जानिए सेना को कैसे होगा फायदा

सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने इस प्रणाली के सेना में शामिल होने की जानकारी दी, एमएम नरवणे ने कहा कि यह शॉर्ट स्पैन ब्रिज पूरी तरह से भारत में बना है और यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
photo credit | ANI
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डेस्क न्यूज़- दुश्मन देशों से लगातार मिल रही धमकियों के बीच शुक्रवार को भारतीय सेना की ताकत और बढ़ गई, वास्तव में सेना ने अपने बेड़े में 12 स्वदेशी रूप से निर्मित शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम शामिल किए, आपको बता दें कि मेक इन इंडिया मिशन के तहत इनका पूरी तरह से निर्माण किया गया है, सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने इस प्रणाली के सेना में शामिल होने की जानकारी दी, एमएम नरवणे ने कहा कि यह शॉर्ट स्पैन ब्रिज पूरी तरह से भारत में बना है और यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

युद्ध की स्थिति में इस सिस्टम का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है

आपको बता दें कि इस सिस्टम के जरिए भारत अपने दुश्मन देशों से निपटने के लिए पश्चिमी सीमाओं पर बड़े आराम से पुलों का निर्माण कर सकेगा, खासतौर पर पाकिस्तान पर किसी भी ऑपरेशन या युद्ध की स्थिति में इस सिस्टम का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है, बता दें कि शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम के जरिए भारतीय सेना किसी भी ऑपरेशन के दौरान बाधित होने वाली छोटी नदियों और नहरों को आसानी से पार कर सकेगी, 10-10 मीटर के इन 12 ब्रिजिंग सिस्टम को डीआरडीओ चीफ डॉ.जी. सतीश रेड्डी और सेना प्रमुख एमएम नरवने मौजूदगी में सेना को सौंपे गए।

492 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया

आपको बता दें कि इन 12 स्वदेशी शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम को 492 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है, सेना के एक अधिकारी ने कहा कि शॉट ब्रिजिंग सिस्टम के जरिए किसी भी बाधा को दूर किया जा सकता है, यह 70 टन तक पानी में ले जाने में सक्षम है, यह सिस्टम कोर ऑफ इंजीनियर्स की मौजूदा ब्रिजिंग क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है।

एलएंडटी ने तैयार किया है और डीआरडीओ ने डिजाइन

इस दौरान सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा, 'इसे एलएंडटी ने तैयार किया है और डीआरडीओ ने डिजाइन किया है, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक और कदम है, उन्होंने कहा कि इससे सेना की क्षमता में और इजाफा होगा, उधर थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि यह हमारे विशेष अभियान के लिए एक बड़ी सफलता है, उन्होंने कहा कि पहले हमें विशेष ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए काफी तैयारी करनी पड़ती थी, लेकिन अब इस तकनीक से हमें काफी फायदा होगा।

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