डेस्क न्यूज़ – केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों, देश के विभिन्न राज्यों में फंसे छात्रों को अपने घरों में ले जाने की पहल की है। इसके बाद, अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसी तरह की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत केंद्र सरकार ने आज से सेना और नौसेना के सहयोग से मिशन वंदे भारत मिशन वंदे भारत शुरू किया है। इसके तहत, सरकार विदेशों में फंसे भारतीय पेशेवरों, परिवारों और छात्रों को घर वापस लाएगी। यह आज से शुरू हो गया है और इस कड़ी में नौसेना के दो जहाज आईएनएस जलाश्व, आईएनएस मगर मालदीव के माले पोर्ट तक पहुंच गए हैं।
दूसरी ओर, अबू धाबी से 200 लोगों को लेकर पहली उड़ान भारत के लिए रवाना होगी। फ्लाइट सुबह 9.45 बजे कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आएगी। आज, विभिन्न देशों से कुल 2300 भारतीयों को घर लाया जाएगा।
#WATCH INS Jalashwa entering Male port for the first phase under Operation Samudra Setu to repatriate Indians from Maldives: High Commission of India in Maldives. #COVID19 pic.twitter.com/qoNPB9pioZ
— ANI (@ANI) May 7, 2020
ऐसे लाएंगे भारत
केंद्र सरकार के इस मिशन के तहत, पहले चरण में, कुल 64 उड़ानों और तीन नौसैनिक जहाजों के माध्यम से 14,800 लोगों को भारत लाया जाएगा, खाड़ी देशों, यूएस, ब्रिटेन, सिंगापुर, मालदीव, बांग्लादेश और कुछ और देशों से, इस मिशन में शामिल नौसेना ने अपने मिशन का नाम समुंद्र सेतु रखा है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मिशन के पहले सप्ताह में कुल 14,800 लोगों को 13 देशों से निकाला जाना है। गुरुवार को, 2300 भारतीय अभियान के पहले दिन 10 उड़ानों से लौटेंगे, जबकि 2050 लोग दूसरे दिन नौ देशों से आएंगे। विदेश से आने वाले इन सभी लोगों को चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु और दिल्ली के हवाई अड्डों पर ले जाया जाएगा।
मिशन के तीसरे दिन, पश्चिम एशिया यूरोप, अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के 2050 लोग मुंबई, कोच्चि, लखनऊ और दिल्ली के हवाई अड्डों पर पहुंचेंगे। चौथे दिन अमेरिका, ब्रिटेन और यूएई सहित आठ देशों में फंसे 1850 लोगों को लाया जाएगा। इसी तरह से लोगों को लाने का क्रम जारी रहेगा। 1990 में प्रथम खाड़ी युद्ध के दौरान कुवैत से 1,70,000 लोगों को निकालने के बाद विदेश में फंसे लोगों को निकालने का यह सबसे बड़ा अभियान होगा।
तीन लाख लोगों ने करवाया है रजिस्ट्रेशन
जानकारी के अनुसार, खाड़ी देशों से लगभग 3 लाख लोगों ने भारत लौटने के लिए पंजीकरण किया है, लेकिन फिलहाल उन्हें केवल वही वापस लाया जाएगा, जिन्होंने चिकित्सा आपातकाल के अलावा वीजा निष्कासन या निर्वासन की संभावना का कारण बताया है। साथ ही, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की प्राथमिकता होगी।
प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को विदेशों से भारतीयों को वापस लाने की प्रक्रिया के बारे में एक प्रोटोकॉल जारी किया है। इसके अनुसार, जिन नागरिकों को घर लाया जाता है, उन्हें सबसे पहले विदेश में भारतीय मिशनों में एक फॉर्म भरना होगा और पंजीकरण करना होगा। सभी को भुगतान के आधार पर प्रदान किया जाएगा। जिन यात्रियों को कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे, उन्हें ही घर आने की अनुमति होगी। भारत पहुंचने के बाद, प्रत्येक यात्री को आरोग्य सेतु ऐप के तहत पंजीकरण करना होगा। सभी की मेडिकल स्क्रीनिंग होगी। इसके बाद उन्हें 14 दिनों के लिए संगरोध में रहना होगा। 14 दिनों के बाद, सभी को कोविद -19 के लिए परीक्षण किया जाएगा। जांच नकारात्मक आने के बाद ही उन्हें बाहर जाने दिया जाएगा।
ये है फ्लाइट्स की डिटेल्स