डेस्क न्यूज़- इजरायल और हमास (इजरायल इसे आतंकवादी संगठन मानता है) के बीच 11 दिनों तक चले युद्ध के बाद गुरुवार रात (भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजे) संघर्ष विराम समझौता हुआ है। आज इसकी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। इजरायल सरकार और हमास दोनों ने इसकी पुष्टि की है। मिस्र की ओर से युद्धविराम का प्रस्ताव रखा गया था, जिस पर फिलीस्तीनी सरकार भी सहमत है। इजराइल-हमास युद्धविराम ।
हमास के बाद फिलिस्तीन में सबसे शक्तिशाली
आतंकवादी संगठन इस्लामिक जिहाद भी इस
फैसले पर सहमत हो गया है। हमास इस युद्धविराम को
अपनी जीत मान रहा है। फिलिस्तीन के गाजा पट्टी में
हमास के लड़ाकों ने ढोल बजाकर जश्न मनाया, जबकि
वेस्ट बैंक में देर रात तक आतिशबाजी चलती रही।
हमास की पॉलिटिकल विंग में दूसरा स्थान रखने वाले खलील अल हया ने कहा, "लोगों को जश्न मनाना गलत नहीं है।" यह जीत की खुशी है। खलील ने कहा कि इजरायल के एयरस्ट्राइक में तबाह हुए घरों का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा। युद्ध के 11 दिनों में गाजा पट्टी से 1 लाख 20 हजार लोग भाग चुके हैं।
इस्राइल और हमास के बीच जंग में अब तक 232 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 65 बच्चे भी शामिल हैं। युद्ध में अब तक 1900 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान गाजा पट्टी में हुआ है। यहां करीब 220 लोगों की मौत हुई थी। यहीं से अब तक हमास इजरायल पर रॉकेट हमले करता रहा है। हमास के हमले में 12 इस्राइली मारे गए। इसमें 2 बच्चे, 1 सैनिक, 1 भारतीय महिला और 2 थाईलैंड के लोग भी शामिल हैं। हमास ने इजराइल पर कुल 4 हजार 300 रॉकेट दागे हैं।
इजरायल की ओर से एक बयान जारी कर संघर्ष विराम की पुष्टि की गई है। इसमें कहा- सुरक्षा मामलों को लेकर कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, आंतरिक सुरक्षा प्रमुख और खुफिया एजेंसी के प्रमुख मोसाद ने भी भाग लिया। इसने मिस्र के प्रस्ताव पर चर्चा की, जिसने हमास के साथ चल रहे संघर्ष को रोकने की पेशकश की। युद्धविराम के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है। इस पर दोनों पक्ष सहमत हैं। संघर्ष विराम शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इसके समय की जानकारी बाद में दी जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संघर्ष विराम का स्वागत किया। उन्होंने कहा, '11 दिनों तक चले युद्ध को रोकना खुशी की बात है। युद्ध रोकने में मिस्र और कतर का योगदान सराहनीय है। गुटेरेस ने युद्ध में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त बुनियादी ढांचे को पुनर्जीवित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन नेतन्याहू से 2 बार बात की थी। जर्मन विदेश मंत्री ने इजराइली प्रधानमंत्री से भी बात की। बिडेन ने सऊदी अरब और मिस्र के प्रभाव का भी इस्तेमाल किया। यही वजह है कि हमास भी इजराइल के साथ जबरदस्त दबाव में था।