
BBC Controversy: गुजरात दंगों पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री के बहाने भारत से लेकर पूरी विश्व में पीएम नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश चल रही है। इसके माध्यम से पीएम मोदी के साथ, भाजपा और भारत की छवि खराब करने का कुत्सिक प्रयास जारी है। देश विरोधी ताकतें इसे हवा देने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।
पीएम मोदी पर बनी BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर JNU में हुए विवाद के बाद अब जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) यूनिवर्सिटी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कराने जा रही है। यूनिवर्सिटी में आज (बुधवार) 25 जनवरी शाम 6 बजे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जाने वाली है। स्क्रीनिंग का आयोजन छात्रसंघ SFI द्वारा किया जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले JNU में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद हो चुका है। स्टूडेंट्स यूनियन ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर कैंपस में पर्चे लगा दिए थे, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोटिस जारी कर डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद भी छात्रों ने स्क्रीनिंग का आयोजित किया तो कैंपस में बवाल शुरू हो गया।
देर शाम अलग-अलग छात्रसंघ के गुटों में टकराव हो गया और यूनिवर्सिटी में बिजली भी काट दी गई थी। स्क्रीनिंग के लिए एकट्ठा हुए छात्रों ने उन पर अन्य छात्रों द्वारा पथराव करने का भी आरोप लगाया। विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है कि अब जामिया यूनिवर्सिटी में भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होने जा रही है।
Since Independence ने BBC डॉक्यूमेंट्री पर हो रहे विवाद और इसके पीछे की ताकतों का खुलासा अपनी इस रिपोर्ट में किया है। पढ़ें Since Independence की पूरी रिपोर्ट...
गुजरात दंगों पर आधारित BBC डॉक्यूमेंट्री में सीरीज के माध्यम से झूठे नेरेटिव फैलाने का आरोप है।
डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों के माध्यम से मोदी, भाजपा, आरएसएस को निशाना बनाया गया है!
डॉक्यूमेंट्री एक मजहब विशेष की भावनाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है और उन्हें अति पीड़ित बताया गया है।
यही वजह है कि रोक के बावजूद इसे JNU के बाद अब जामिया में दिखाने का ऐलान हुआ है। असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता समर्थन में हैं।
यह सब जानते हैं कि BBC भारत में ही भारत विरोधी खबरें प्रसारित कर देश की छवि बदनाम करता रहा है!
ब्रिटिश न्यूज सर्विस BBC की एक डॉक्यूमेंट्री पर विवाद बढ़ता जा रहा है। डॉक्यूमेंट्री पर भारत विरोधी एजेंडा फैलाने का आरोप लगाकर जहां एक ओर भारत सरकार ने इसे बैन कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर कुछ गुट हैं जो इस विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करना चाहते हैं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि कुछ लोग BBC को SC से ऊपर मानते हैं। वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि निष्पक्ष नहीं, मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार है। वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं कि क्या गोडसे पर बनी फिल्म क्या बैन करेंगे?
वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा है कि BBC की ये डॉक्यूमेंट्री प्रौपेगैंडा पीस है। मक़सद एक तरह के नैरेटिव को पेश करना है। नैरेटिव को लोग पहले ही ख़ारिज कर चुके हैं। डॉक्यूमेंट्री के पीछे के एजेंडे पर सोचने को मजबूर है। डॉक्यूमेंट्री में PM पर लगाए आरोपों का खंडन करते हैं। डॉक्यूमेंट्री में पूर्वाग्रह से प्रेरित, निष्पक्षता की कमी है। डॉक्यूमेंट्री में औपनिवेशिक मानसिकता की झलक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात दंगों को लेकर आई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस को दक्षिण भारत के केरल में बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी ने कांग्रेस पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है।
अनिल के एंटनी अपने ट्वीट के बाद कांग्रेस में ही घिर गए थे। अनिल एंटनी ने अब कांग्रेस पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। अनिल एंटनी ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस में सभी पदों से इस्तीफा देने जैसा कदम उठाने की वजह भी बताई है।
अनिल एंटनी ने ट्वीट कर कहा कि मुझ पर एक ट्वीट को डिलीट करने के लिए असहिष्णुता के साथ दबाव बनाया जा रहा था। ऐसा वे लोग कर रहे थे जो फ्रीडम ऑफ स्पीच के लिए खड़े होने की बात करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैंने ट्वीट डिलीट करने से मना कर दिया। अनिल ने इस्तीफे का पत्र भी ट्वीट किया है।
अपने इस्तीफे में अनिल एंटनी ने शशि थरूर का समर्थन के लिए धन्यवाद किया है और साथ ही कांग्रेस पार्टी को भी घेरा है। उन्होंने फेसबुक पर अपशब्द कहे जाने का भी जिक्र अपने ट्वीट में किया है। गौरतलब है कि अनिल के एंटनी ने कांग्रेस पार्टी में सभी पदों से इस्तीफे का ऐलान करने से एक दिन पहले एक बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर एक ट्वीट किया था जिसके बाद वे अपनी ही पार्टी में घिर गए थे।
गौरतलब है कि केरल कांग्रेस की अलग-अलग शाखाओं ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने का ऐलान किया था। अनिल के एंटनी ने पार्टी लाइन से अलग जाकर एक ट्वीट कर दिया जिसे लेकर केरल कांग्रेस में ही घमासान मच गया था। अनिल ने ट्वीट कर कहा था कि बीबीसी एक सरकार प्रायोजित चैनल है और उसका इतिहास भारत को लेकर पूर्वाग्रह का रहा है। बीबीसी और ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ के विचारों को भारतीय संस्थानों के विचार से अधिक महत्व देना खतरनाक चलन है।
अनिल एंटनी ने ये भी कहा था कि जैक स्ट्रॉ ने ही इराक युद्ध की योजना बनाई थी और अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन ने इराक पर हमला बोल दिया था। बीजेपी के साथ तमाम मतभेद हैं लेकिन इसके बावजूद इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी। अनिल एंटनी के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया था। पीएम मोदी को घेरने में जुटी कांग्रेस के नेता अनिल पर ये ट्वीट डिलीट करने के लिए दबाव बना रहे थे।