स्विट्जरलैंड की दो-तिहाई आबादी ने रविवार को एक ऐतिहासिक फैसले में समलैंगिक जोड़ों को शादी की इजाजत दे दी। आपको बता दें कि इस फैसले के लिए जनमत संग्रह कराया गया था, जिसमें 64.1 फीसदी मतदाताओं ने इसका समर्थन किया था. इस निर्णय ने अब स्विट्जरलैंड में पश्चिमी यूरोप के कई अन्य देशों की तरह समलैंगिकों को विवाह करने की अनुमति दी है।
आपको बता दें कि साल 2007 में स्विटजरलैंड ने समलैंगिक लोगों को साथ रहने का अधिकार दिया था, लेकिन तब शादी की इजाजत नहीं थी। वहीं शादी की इजाजत मिलने के बाद समलैंगिक समुदाय के लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं.
इस फैसले का समर्थन करने वालों का मानना है कि अब कानूनी रूप से समलैंगिक लोगों को ऐसे कई अधिकार मिल सकेंगे, जिनसे वे पहले वंचित थे. इस फैसले से वे अब बच्चे गोद ले सकेंगे और उन्हें नागरिकता भी मिल जाएगी। वे देश के हर अधिकार का लाभ उठा सकेंगे।
वहीं कई लोगों ने इस शादी का समर्थन नहीं किया. उनके विचार में समलैंगिक विवाह उचित नहीं है। उनका कहना है कि बच्चों को माता-पिता दोनों के प्यार की जरूरत होती है। वहीं कई लोगों ने कहा कि यह फैसला प्रकृति के नियमों के खिलाफ है.वोट देने पहुंची एन्ना लिंबर्गर ने कहा, 'मैं ना कहने वाली हूं क्योंकि मेरे हिसाब से बच्चे के पास माता और पिता दोनों होने चाहिए.' समर्थन में वोट देने वाले निकोलस दिरलतका ने कहा, 'मुझे लगता है कि समलैंगिक विवाह बेशक परंपरा से अलग है लेकिन बच्चों को प्यार और सम्मान मिलना जरूरी है. ऐसे भी बच्चे हैं, जिन्हें अपने माता-पिता से प्यार और सम्मान नहीं मिलता है
समलैंगिक विवाह वह है जिसमें दो पुरुष एक दूसरे से विवाह करते हैं। या एक औरत दूसरी औरत से शादी कर लेती है। यानी एक ही लिंग के दो लोगों से शादी करना, जिसमें पुरुषों को गे कहा जाता है, जबकि महिलाओं को लेस्बियन कहा जाता है। स्विटजरलैंड में अभी तक इन लोगों को केवल पार्टनरशिप की अनुमति है और इनके अधिकार सीमित किए गए हैं. लेकिन सरकार की नई योजना से इन्हें शादी करने का अधिकार भी मिल जाएगा.