पाकिस्तान बाढ़ और बारिश से हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि सरकार नेशनल इमरजेंसी लगानी पड़ गई। पिछले तीन महीनो के आकड़े देखे तो अब तक 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। रिपोर्टस के मुताबिक, भारी बारिश के चलते आई बाढ़ से अब तक 937 लोगों की जान चली गई है जिनमें 343 बच्चे भी शामिल हैं। अब तक सबसे ज्यादा सिंध प्रांत में 306 लोगों की मौत हुई है वहीं बलूचिस्तान में 234, खैबर पख्तूनख्वा में 185 और पंजाब प्रांत में 165 लोगों की मौत हुई है।
पाकिस्तान आर्मी और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन बचाव कार्य में लगे हुए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। करीब 3 करोड़ लोग बेघर हो गए हैं। लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है। बलूचिस्तान प्रांत के एडमिनिस्ट्रेशन ने लोगों के रहने के लिए 1 लाख टेंट की मांग की है।
शेरी रहमान,जलवायु परिवर्तन मंत्री
बाढ़ और भारी बारिश के कारण हालत बेकाबू हो गए है। पाक सरकार बाढ़ से बने हालात को संभालने में नाकाम होती नजर आ रही है। इसलिए सरकार ने दूसरे देशों से मदद मांग रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार को 5.78 लाख करोड़ रुपए के रिलीफ फंड की जरूरत है। वहीं, हेल्थ सेक्टर के लिए उसे 12.9 हजार करोड़ रुपए चाहिए। बाढ़ से खेतों और फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को 9 अरब रुपए (भारतीय करेंसी में 72.08 हजार करोड़ रुपए) की जरुरत है। भारी बारिश से मशीनों को भी नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए 4.64 अरब रुपए (37.07 हजार करोड़ रुपए) चाहिए हैं।
सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने बताया कि बाढ़ से 82,000 घरों को नुकसान पहुंचा है। इन्हें दोबारा बनाने के लिए 41 अरब रुपए की लागत आएगी यानी हर एक घर पर 50 हजार रुपए का खर्च आएगा। भरपाई के लिए दूसरे देशों से मदद की गुहार लगाई जा रही है। उन्होंने कहा- सरकार लोगों की मदद की पूरी कोशिश कर रही है। इस मुश्किल घड़ी में हमें एक-दूसरे का साथ देने है और मदद करना है।