Hijab: ईरान में हिजाब नहीं पहनने पर 28 वर्षीय एक्ट्रेस को गिरफ्तार कर किया टॉर्चर

ईरान में तालिबानी फरमान पर चलने वाली सरकार ने एक मशहूर एक्ट्रेस सेपदेह रोश्नो (Sepdeh Roshno) को हिजाब नहीं पहने पर गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद एक्ट्रेस को काफी टॉर्चर कर नेशनल TV पर माफ़ी मांगने को मजबूर किया गया, जबकि भारत में एक वर्ग हिजाब की बार-बार वकालत करता रहता है।
Sepdeh Roshno
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ईरान की कट्टरपंथी सरकार ने महिलाओं के लिए हिजाब पहनना मेंडेटरी कर दिया है। यहां जो महिलाएं इस आदेश का पालन नहीं कर रहीं, उन्हें गिरफ्तारी के बाद टॉर्चर किया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण 28 साल की मशहूर एक्ट्रेस रोश्नो (Sepdeh Roshno) है। उन्होंने हिजाब पहनने से इनकार कर दिया था जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर बेहद टॉर्चर किया। यही नहीं एक्ट्रेस को नेशनल टीवी पर आकर माफी मांगने को कहा गया ताकि हिजाब पहनने के तालिबानी फरमान को न मानने वाली महिलाओं के मन में दहशत पैदा की जा सके।

रोश्नो पर टॉर्चर के निशान
रोश्नो पर टॉर्चर के निशान

गिरफ्तारी के बाद किया काफी टॉर्चर

एक लोकल ट्रेन में एक्ट्रेस का हिजाब पहनने वाली कुछ महिलाओं से बहस का वीडियो वायरल हुआ जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में काफी टॉर्चर किया गया। रोश्नो से नेशनल टीवी पर आकर देश के सामने हिजाब न पहनने के लिए माफी मांगने को कहा गया। रोश्नो को यही करना पड़ा उन्होंने ढंके सिर से टीवी पर आकर माफ़ी मांगी। इस दौरान उनके चेहरे खासतौर पर बाईं आंख के नीचे चोट के निशान नजर आ रहे थे।

इस घटना के बाद सिर्फ ईरान ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में रोश्नो के साथ हुई ज्यादती के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। खास बात यह है कि विरोध करने वालों में बड़ी तादाद पुरुषों की भी है।

फिर भी भारत में हिजाब की मांग

विडंबना देखिये जहां पूरे विश्व में तालिबानी हुकूमत के अत्याचारों से खिलाफ महिलाएं आंदोलन कर रही है, हिजाब कानून (No to Hijab) के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रही है वहीं भारत में महिलाएं हिजाब की मांग कर रही है। भारत सरकार स्त्री-पुरुष के भेदभाव को खत्म कर देश के विकास में महिलाओं को समान भागीदार बना रही है, महिलाओं को उनके अधिकार दे रही है वहीं तालिबानी सोच वाले इसका विरोध कर रहे है। ये लोग बस हिजाब को मजहबी रंग दे कर माहौल बिगाड़ना चाहते है। हिजाब का समर्थन करने वालों को तालिबानी हुकूमत में घुट घुट कर जी रही महिलाओं से सबक लेना चाहिए।

ईरान में वैसे तो हिजाब को 1979 में मेंडेटरी यानी अनिवार्य किया गया था, लेकिन हाल ही में 15 अगस्त को प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी ने एक ऑर्डर पर साइन किए और इसे ड्रेस कोड के तौर पर सख्ती से लागू करने को कहा गया।
No to Hijab
No to Hijab

12 जुलाई को हिजाब और पवित्रता दिवस किया घोषित

ईरान की कटटरपंथी सरकार ने तालिबानी फरमान को कायम करने के लिए 12 जुलाई को हिजाब और पवित्रता दिवस घोषित किया था। ये इसलिए किया गया ताकि महिलाओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जा सकें लेकिन रोश्नो के साथ सैकड़ों महिलाओं ने तेहरान में अनिवार्य हिजाब कानून (No to Hijab) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। महिलाएं उस कानून को न मानने पर अड़ गई हैं जिसमें उन्‍हें अपने बाल सार्वजनिक स्‍थल पर कवर ही रखने हैं। यहां पर राष्‍ट्रपति इब्राहिम रईसी के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोला था जिसके बाद कई महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था।

Sepdeh Roshno
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