Kangal Pakistan: कर्ज में डूबा पाकिस्तान पैसे पैसे को मोहताज हो गया है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं। सरकार कर्ज के लिए कटोरा लेकर जगह-जगह भीख मांग रही है, लेकिन कहीं से कर्ज की भीख नहीं मिल पा रही है। चीन और सऊदी अरब के बाद पाकिस्तान को अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी झटका लगा है। आईएमएफ ने पाकिस्तान को आर्थिक राहत देने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान ने एक समीक्षा टीम भेजने की गुहार लगाई थी, जिसे आईएमएफ ने ठुकरा दिया है।
इस समय पाकिस्तान पर 100 अरब डॉलर का कर्ज है। बेतहाशा बढ़ती महंगाई ने देश और देशवासियों की कमर तोड़ रखी है। इससे उबरने के लिए पाक के हुकमरान जो भी प्रयास कर रहे हैं वे सब नाकाफी साबित हो रहे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक बदहाली के चलते पाकिस्तानी सरकार कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी की कटौती करने की भी योजना बना रही है और इसी के साथ संकट से उबरने के लिए अन्य उपायों पर भी विचार कर रही है। इन उपायों में मंत्रालयों पर होने वाले खर्च में 15 फीसदी की कटौती करना शामिल है। यह भी कहा जा रहा है मंत्रियों और राज्य मंत्रियों की संख्या को भी कम किया जा सकता है।
पाकिस्तान में महंगाई में लोगों का जीना हराम कर दिया है। सरकारी सस्ते आटे के पैकेट लूटे जा रहे हैं।
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से यात्री किराया से लेकर हर चीज के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं।
रेल किराये में 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
कर्मचारियों को समय पर सैलरी नहीं मिल रही, भत्ते आदि अटके हुए हैं।
चीन और सऊदी अरब भी कर्ज देने को तैयार नहीं है।
आईएमएफ की समीक्षा टीम का काम वास्तविक आर्थिक स्थिति का जायजा लेना और समस्या से निपटारे के लिए समीक्षा करना होता है। पाकिस्तान सरकार ने अपने आर्थिक संकट को देखते हुए आईएमएफ से आग्रह किया था कि वो एक समीक्षा टीम देश का दौरा करने के लिए भेजे। अब रिपोर्ट्स आ रही हैं कि आईएमएफ ने अपनी समीक्षा टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया है। नतीजतन यह माना जा रहा है कि आईएमएफ से भी पाकिस्तान को राहत नहीं मिली है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के विदेशी मुद्रा भंडार ने हाल में 4.343 बिलियन डॉलर के निम्नतम स्तर को छू लिया है, जो केवल दो हफ्ते के लिए ही पर्याप्त है। वहीं, रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान भुगतान संकट के संतुलन से जूझ रहा है और उसका विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 4.6 बिलियन डॉलर हो गया है, जो मुश्किल से तीन हफ्ते के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है। पाकिस्तान ने 2019 में 6 बिलियन डॉलर का बेलआउट हासिल किया था जो इस साल की शुरुआत में 1 बिलियन डॉलर के साथ सबसे ऊपर था।
माना जा रहा है कि एक दशक के आर्थिक संकट के दौरान मौजूदा समय में पाकिस्तान की आर्थिक हालत सबसे नाजुक है। देश में महंगाई चरम पर है। गैस की कीमतों में 70 फीसदी और बिजली बिलों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। हालात से उबरने के लिए पाकिस्तान आईएमएफ समेत कई देशों से संपर्क कर चुका है।