Kangal Pakistan: कर्ज दर कर्ज, अब IMF की शर्तें पाकिस्तान को कर देंगी पूरी तरह बर्बाद!

Kangal Pakistan: एक सहायता पैकेज के लिए पाक सरकार IMF के साथ बातचीत शुरू करेगी। इसमें जोखिम भरी पूर्व-शर्तें जुड़ेंगी जो बड़े संकट को जन्म देगी। पढ़ें Since Independence की पूरी रिपोर्ट...
Kangal Pakistan: कर्ज दर कर्ज, अब IMF की शर्तें पाकिस्तान को कर देंगी पूरी तरह बर्बाद!
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Kangal Pakistan: पाकिस्तान की हालत पूरी तरह दयनीय हो चुकी है। अब वह ऐसी स्थिति में आ चुका है, जहां से उनके लिए अंतरराष्ट्रीय कर्ज चुकाना बेहद मुश्किल है। घटता विदेशी मुद्रा भंडार, पूरे देश में बिजली कटौती, खाद्य वितरण केंद्रों पर भगदड़ और पाकिस्तानी रुपये में एक साल के अंदर आई भारी गिरावट के कारण उसकी हालत बेहद खराब है।

भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्षेत्र के लिये गंभीर परिणाम हो सकते हैं। पाकिस्तानी रुपये में बीते एक साल में करीब 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है और सोमवार को एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 262 पाकिस्तानी रुपये रही।

उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के बीच शहबाज शरीफ सरकार एक सहायता पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ अहम बातचीत शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि बातचीत में बचत की मुश्किल और राजनीतिक रूप से जोखिम भरी पूर्व-शर्तें जुड़ी हो सकती हैं जो एक बड़े राजनीतिक संकट को जन्म दे सकती है।

और बढ़ेंगी पाकिस्तान की मुश्किलें

पाकिस्तान में भारत के पूर्व दूत रहे टीसीए राघवन ने कहा, 'मौजूदा आर्थिक संकट पहले से जारी राजनीतिक संकट को बढ़ा रहा है। आईएमएफ की ओर से पैसा जारी करने के लिए जिन शर्तों को लागू करने की संभावना है, वे निश्चित रूप से छोटी अवधि की मुश्किलों का एक बड़ा कारण बनेंगी, जिसका राजनीतिक असर हो सकता है।

पाकिस्तान के 7 अरब डॉलर के आईएमएफ ‘बेल-आउट’ (स्वतंत्रता के बाद से 23वां) पैकेज के वितरण को पिछले नवंबर में रोक दिया गया था क्योंकि ग्लोबल कर्जदाताओं ने महसूस किया था कि देश ने अर्थव्यवस्था को सही आकार देने के लिए राजकोषीय और आर्थिक सुधारों की दिशा में पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।

'पाक की मदद करके थक गया अमेरिका'

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन में पूर्व स्थायी प्रतिनिधि और कराची में भारत के पूर्व महावाणिज्य दूत राजीव डोगरा ने कहा, 'पाकिस्तान को उम्मीद थी कि पहले की तरह 'ट्रिपल ए' (आर्मी, अमेरिका व अल्लाह) फिर से किसी तरह उसकी मदद के लिए आएंगे। हालांकि समय बदल गया है।

सेना ही पाकिस्तान की वित्तीय समस्याओं का एक प्रमुख कारण है क्योंकि वह बजट का बड़ा हिस्सा पाती है। अमेरिका सहायता कर करके थक गया है। हताशा में पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने अब अल्लाह से गुहार लगाई है।'

राघवन और धर समेत भारतीय विश्लेषकों का मानना है कि शरीफ सरकार और पाकिस्तानी सेना आईएमएफ के सुधारों को लागू करने के लिए असैनिक सरकार को समय देने के लिए चुनावों में देरी करेगी और उन्हें मध्यम वर्ग के लिए अनुकूल बनाएगी जिसे इन बचत उपायों का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

'भारत नहीं करेगा पाक के साथ व्यापार'

डोगरा ने कहा, 'पाकिस्तान को भारत में एक बड़े बाजार का फायदा मिलेगा। भारत से इसका आयात काफी सस्ता होगा। लेकिन पिछले अनुभवों को देखें तो पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार करने के बजाय अपनी नाक कटाने को तरजीह देगा।'

दूसरी तरफ, भारत के भी इस तरह के प्रस्तावों से सहमत होने की संभावना नहीं है। प्रोफेसर धर ने कहा, 'इस तथ्य को देखते हुए कि मौजूदा सरकार के राजनीतिक तेवर इस तरह के कदम का समर्थन नहीं करेंगे, भारत के पाकिस्तान के साथ व्यापार करने की संभावना कम है।'

विशेषज्ञों ने बताया कि नतीजतन पाकिस्तान की दोहरी आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता पड़ोस में अलग-अलग तरीकों से विस्फोटक हो सकती है। राजदूत डोगरा ने कहा, 'मौजूदा स्थिति आतंकी समूहों के फलने-फूलने के लिए आदर्श है और पाकिस्तान का इस क्षेत्र में अपने संकटमोचकों को दूसरों की ओर मोड़ने का इतिहास रहा है, विशेष रूप से भारत की ओर।"

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