डेस्क न्यूज़- अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के नए प्रमुख के नाम का खुलासा हो गया है। सूत्रों ने खुलासा किया है कि मुल्लाह हिबतुल्लाह अखुंदजादा अफगान की नया अमीर (नेता) होंगा। हिबतुल्लाह कंधार का रहने वाला है। वह तालिबान में धार्मिक फैसले लेता है। यह हिबतुल्लाह ही था जिसने हत्यारों और अवैध संबंध रखने वालों को मारने का आदेश दिया था। तालिबान में उनका आधिकारिक शीर्षक अमीरुल मोमेनिन शेख हिबतुल्ला अखुंदजादा है।
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। हवाईअड्डा वर्तमान में अमेरिकी सैनिकों के नियंत्रण में है। रॉयटर्स के मुताबिक, हवाई अड्डे पर हुई गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। वीडियो में एयरपोर्ट पर लाशें नजर आ रही हैं। इस बीच काबुल में कई इलाकों में लूटपाट की खबरें आ रही हैं। सरकारी नंबर प्लेट वाले वाहनों को लूटा जा रहा है। कुछ लोगों ने उनके निजी वाहन चोरी करने का भी दावा किया है। फायरिंग एयरपोर्ट के पास रिहायशी कॉलोनी में हुई। सरकारी एजेंसियों के दफ्तरों में लूटपाट हुई है। तालिबान का कहना है कि तालिबान के नाम पर अराजक तत्वों ने संवेदनशील दस्तावेजों को लूटा और जलाया है।
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान सभी को यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि वह अफगानों के जान-माल की रक्षा करेगा, लेकिन काबुल हवाईअड्डे से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। हिजाब नहीं पहनने वाली कई महिलाओं को एयरपोर्ट के पास गोली मार दी गई। हालांकि तालिबान के एक सूत्र ने इस खबर को खारिज किया है। उसने कहा कि तालिबान को बदनाम करने के लिए ये अफवाहें फैलाई जा रही हैं। फायरिंग के बाद एयरपोर्ट पर भगदड़ मच गई। इसका वीडियो भी सामने आया है. सूत्र के मुताबिक तालिबान की गोलीबारी के बाद अमेरिकी सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई की है।
हालांकि, अमेरिका ने कहा है कि वह अपने 6,000 सैनिकों को हवाई अड्डे पर तैनात करेगा, ताकि नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके। काबुल एयरपोर्ट पर इस समय भगदड़ जैसे हालात हैं। हजारों की संख्या में लोग देश छोड़ने के लिए वहां जमा हो गए हैं। कई ऐसे भी हैं जो बिना सामान लिए एयरपोर्ट पहुंच गए हैं।
तालिबान की बंदूक के निशाने पर बनी पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने ट्वीट किया कि- तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा करते देख हम हैरान हैं। मुझे महिलाओं, अल्पसंख्यकों और मानवाधिकारों के पैरोकारों की गहरी चिंता है। वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय ताकतों को एक साथ आना चाहिए और तत्काल युद्धविराम की मांग करनी चाहिए और लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करनी चाहिए। शरणार्थियों और नागरिकों की रक्षा की जानी चाहिए।