
कुछ बुद्धिजीवी लोगों के एक समूह को लगता है कि भारत में मुस्लिम समुदाय सुरक्षित नहीं है। इस बारे में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को भी कुछ ऐसा लगता है। जैसा की उन्होनें अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद कहा था। इसी के साथ नेशनल और इंटरनेशनल संस्थान जिनको भारत में मुस्लिमों के अधिकारों की चिंता होती है। उन्हें चीन में हो रहे उइगर मुसलमानों पर अत्याचार नहीं दिखाई देते है। यह मानना है देश के एक बड़े समुदाय का। क्योंकि उइगर मुसलमानों पर काफी समय से आ रही खबर चौंकाने वाली है। लेकिन अफसोस इस तरफ मुस्लिम हितों की बात करने वाले पाक परस्त कट्टवादी सोच रखने वालों और मानवाधिकार की दुहाई देने वाले संगठनों का ध्यान क्यों नहीं जा रहा है?
उइगर मुसलमानों पर काफी समय से आ रही खबर चौंकाने वाली है। ऑस्ट्रेलिया के एक टैब्लॉयड अखबार 'हेराल्ड सन' की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में कैद उइगर मुसलमानों की किडनी और लीवर को जबरन निकाल कर बेचा जा रहा है। चीन को इस कालाबाजारी से सालाना अरबों रुपये कमा रहा है।
उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह से संबंधित हैं। वे मध्य और पूर्वी एशिया में उत्पन्न हुए। वे तुर्की भाषा बोलते हैं। उइगर चीन में 55 अल्पसंख्यक समुदायों में से एक हैं जिन्हें आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई है। वर्तमान में, उइगर मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहती है। इसके अलावा ये उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान में भी रहते हैं।
चीन उइगर मुसलमानों को क्षेत्रीय अल्पसंख्यक मानता है। चीन ने सीधे तौर पर उन्हें स्वदेशी समूह मानने से इनकार कर दिया है। इस समुदाय पर चीन की नजर हमेशा से टेढ़ी रही है। यह समुदाय चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहता है। पिछले कुछ दशकों में प्रांत ने तेजी से आर्थिक विकास का अनुभव किया है, लेकिन उइगर समुदाय के खिलाफ भेदभाव ने यहां रहने वाले हान समुदाय को फायदा पहुंचाया है।
चीन पिछले कई दशकों से उइगर मुसलमानों पर आतंकवाद और अलगाववाद का आरोप लगाता रहा है। इन आरोपों की आड़ में चीन शारीरिक उत्पीड़न, जबरन हिरासत, जांच, निगरानी कर रहा है। इतना ही नहीं चीन ने इस समुदाय के ज्यादातर लोगों को गुलाम बना लिया है या उन्हें नजरबंद कर रखा है।
चीन के पूर्व अधिकारी जियांग ने चीन में उइगर मुसलमानों की स्थिति पर कई चौंकाने वाली बातें बताईं। जियांग ने एक इंटरव्यू में कहा, चीन के डिटेंशन सेंटर में उन्हें कुर्सी से बांधकर रखा जाता है। पुलिसकर्मियों ने उनकी पिटाई कर दी। उसे लात-घूंसों से पीटा जाता है। उन्हें सोने भी नहीं दिया जाता। इनमें 14 साल से कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं।
जियांग ने मीडिया इंटरव्यू में कुछ ऐसी तस्वीरें भी शेयर की थीं जिनमें उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार की कहानी बयां की गई थी। जियांग के मुताबिक, उइगर मुसलमानों को छोटे-मोटे आरोपों में कई सालों तक जेल में रखा जाता है।
2020 में, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने विशेष रूप से उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून को मंजूरी दी।