दुनिया अभी कोरोना संकट से पूरी तरह उबर भी नहीं पाई है कि एक और खबर ने दुनिया की नींद उड़ा दी है। दुनिया को कोरेना देने वाला चीन अब पाकिस्तान के साथ मिलकर रावलपिंडी की रिसर्च लैब में कोरोना से भी खतरनाक वायरस तैयार करने में के मंसूबे में जुटा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घातक वायरस को बनाने के लिए चीन की कुख्यात वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और पाकिस्तानी सेना के डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन यानी DESTO ने एक बहुत ही एडवांस साइंटिफिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है। कई ग्लोबल रिपोट्स बता रही हैं कि चीन पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थिति रिसर्च सेंटर में वायरस के रूप में घातक वायरस के रूप में 'बायो वेपन' तैयार कर रहे हैं।
दुनिया को पता न चले इसलिए इस लोकेशन को कड़ाई से छिपाकर रखा गया है। कई ग्लोबल रिपोर्ट्स के मुताबिक ये ऐसे खतरनाक वायरस होंगे जो कोरोना से ज्यादा बड़े पैमाने पर बीमारी पैदा करने की क्षमता रखते हैं। बता दें कि दुनिया में आई कोरोना महामारी 2019 में चीन के वुहान से ही दुनियाभर में फैली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना वायरस दुनिया में फैलने के कुछ महीनों बाद ही अप्रैल-जुलाई 2020 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खोजी पत्रकार एंथोनी क्लैन के एक दावे ने दुनिया को हिलाकर रख दिया था। क्लैन ने कहा था कि चीन के वुहान की लैब और पाकिस्तान की डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी यानी DESTO ने तीन साल के लिए एक एग्रीमेंट किया है।
क्लैन ने कहा था कि इस सीक्रेट डील का मकसद बायो वेपंस बनाना है। क्लैन ने दावा किया था पाकिस्तान में एक गुप्त लैब है, जो घातक वायरस से संबंधित कई रिसर्च प्रोजेक्ट्स चलाता है। इस लैब में घातक वायरस बनाए जाते हैं। जिनका उपयोग घातक 'बायो वेपन' के बतौर किया जाता है।
क्लैन के मुताबिक, चीन की एक चाल यह भी है कि पाकिस्तान में बनाने से कुछ भी गलत होने पर चीन आसानी से इससे पल्ला झाड़ पाएगा। हालांकि दुनियाभर में झूठ बोलने वाले पाकिस्तान ने 2020 में उसके यहां घातक वायरस की टेस्टिंग के आरोपों से इनकार किया था। पाक FO ने कहा था, 'इस लैब के बारे में बायोलॉजिकल एंड टॉक्सिन वेपंस कंवेशन यानी BTWC यानी बायोलॉजिकल वीपंस कन्वेंशन से जानकारी साझा करता रहा है।' BTWC 1975 में लागू हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मामले की जानकारी रखने वाले खुफिया और साइंटिफिक कम्यूनिटी से जुड़े लोगों ने चेतावनी दी है कि चीन और पाकिस्तान लैब में जो वायरस डेवलेप कर रहे हैं, वे कोरोना से भी सैकड़ों गुना ज्यादा घातक है।