यूरोपियन यूनियन यूरोप के 28 देशों का एक पॉलिटिकल और इकोनॉमिकल प्लेटफॉर्म है। जहां पर ये सदस्य देश अपने एडिमिनिस्ट्रेटिव वर्क करते हैं, यूरोपीय यूनियन के नियम सभी सदस्य देशों पर लागू होते हैं।
ईयू की 1957 से हुई थी शुरुआत
1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपीय आर्थिक परिषद के जरिए छह यूरोपीय देशों ने अपने आर्थिक हितों को ध्यान में रखकर इसकी स्थापना की गई थी। इसमें समय के अनुसार बदलाव होता गया और 2007 में लिस्बन समझौते के तहत सुधारों की प्रक्रिया 1 जनवरी 2008 से शुरु हो पाई। आज यूरोपीय यूनियन में 6 से बढ़कर सदस्य देशों की संख्या अब 28 हो चुकी है।
सदस्य राष्ट्रों के लिए सिंगल विंडो मार्केट की सुविधा
यूरोपिय यूनियन के सदस्य राष्ट्र सिंगल विंडो मार्केट के तौर पर व्यापार करते हैं इसके कानून सभी सदस्य देशों पर लागू होता है, यूरोपीय यूनियन के नागरिकों को व्यापार के लिए चार सुविधाएं निश्चित तौर पर मिलती हैं। सिंगल विंडो बिजनेस का मतलब है कि कोई देश इसका सदस्य है तो वो सभी देशों में मुक्त व्यापार कर सकता है और ऐसा सभी 28 देश एक दूसरे के साथ करते हैं।
EU को 2012 में मिल चुका शांति का नोबेल पुरस्कार
यूरोपीय यूनियन को वर्ष 2012 में यूरोप में शांति और सुलह, लोकतंत्र और मानव अधिकारों की पैरवी और उन्नति के लिए अपने योगदान को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
यूरोपियन यूनियन की सिंगल कंरेसी सिस्टम
1999 में यूरोपिय संघ के 15 सदस्य देशों ने एक नई मुद्रा यूरो को अपनाया। इसके साथ यूरोपीय यूनियन ने अपनी विदेश, सुरक्षा, न्याय नीति का भी ऐलान किया। वहीं आप यदि इसके सदस्य हैं तो आपको बाकि 27 देशों में प्रवेश करने के लिए पासपोर्ट की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। बता दें कि यूरोपीय यूनियन के किसी देश में यात्रा करने के लिए पासपोर्ट की बाध्यता को भी खत्म कर दिया गया।
यूरोपीय यूनियन कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों का सदस्य
यूरोपीय यूनियन संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं विश्व व्यापार संगठन में अपने सदस्य देशों को रिप्रजेंट करता है। यूरोपीय यूनियन के 21 देश नाटो के भी मेंबर हैं। यूरोपीय यूनियन के अहम संस्थानों में यूरोपियन कमीशन, यूरोपीय संसद, यूरोपीय संघ परिषद, यूरोपीय न्यायलय एवं यूरोपियन सेंट्रल बैंक आदि शामिल हैं।
यूरोपीय यूनियन की सदस्यता कैसे ली जा सकती है?
यूरोपीय संघ का सदस्य बनना एक जटिल प्रक्रिया है जो रातोंरात पूरी नहीं होती है। एक बार जब कोई आवेदक देश सदस्यता के लिए शर्तों को पूरा करता है, तो उसे अपने देश के सभी क्षेत्रों में यूरोपीय संघ के नियमों और विनियमों को लागू करना होता है।
ऐसे में सदस्यता की शर्तों को पूरा करने वाला कोई भी देश आवेदन कर सकता है। इन शर्तों को 'कोपेनहेगन स्टैंडर्ड' के तौर पर जाना जाता है और इसमें एक ओपन मार्केट इकॉनोमी के साथ एक मजबूत स्थिर लोकतंत्र और कानून का शासन के साथ यूरो सहित सभी यूरोपीय संघ के कानूनों की स्वीकृति शामिल होती है।
यूरोपीय संघ में शामिल होने का इच्छुक देश परिषद को एक सदस्यता आवेदन प्रस्तुत करता है, इसके बाद ईयू अपने आयोग से कोपेनहेगन मानदंडों को पूरा करने के लिए आवेदक की क्षमता का आकलन करने के लिए कहता है। यदि आयोग की राय पॉजिटिव होती है तो परिषद बातचीत के आदेश पर सहमती जताता है। इसके बाद बातचीत औपचारिक रूप से विषय-दर-विषय के आधार पर की जाती है। जिसमें लंबा समय लग सकता है। इसके बाद कहीं जाकर कोई देश यूरोपियन यूनियन का सदस्य बनता है।
28 देशों का संगठन यूरोपीय यूनियन
यूरोपीय यूनियन में शामिल देशों में आस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातीविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवानिया, स्पेन, स्वीडन और युनाइटेड किंगडम और कोएशिया हैं, जबकि तीन देश इसका सदस्य बनने की प्रकिया में हैं और आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहें हैं।
सभी यूरोपीय देश सदस्य नहीं
यूरोपीय यूनियन में कुछ यूरोपीय देश जैसे स्वीटजरलैंड, नार्वे, एवं सोवियत रूस इसका हिस्सा नहीं हैं। कुछ सदस्य राष्ट्रों के भूमि क्षेत्र भी यूरोप का हिस्सा होते हुए भी संघ के भौगोलिक नक्शे में शामिल नहीं है, उदहारण के तौर पर चैनल एवं फरोर द्वीप का हिस्सा।
यूरोपीय संघ कैसे कार्य करता हैॽ
यूरोपीय संघ की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, संघ का उद्देश्य शांति को बढ़ावा देना, एक एकीकृत आर्थिक और मौद्रिक प्रणाली स्थापित करना, समावेश को बढ़ावा देना और भेदभाव का मुकाबला करना, व्यापार और सीमाओं की बाधाओं को तोड़ना, तकनीकी और वैज्ञानिक विकास को प्रोत्साहित करना, चैंपियन पर्यावरण संरक्षण, और, दूसरों के बीच, प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार और सामाजिक प्रगति जैसे लक्ष्यों को बढ़ावा देना।
यूक्रेन यदि सदस्य बनता है तो उसे क्या फायदा होगा?
यूक्रेन के यूरोपियन यूनियन में शामिल होने के बाद उसे व्यापार के लिए एक बड़ा मंच मिलेगा। इसके साथ ही रूस जैसे शक्तिशाली देश से लड़ने में उसे यूरोपियन यूनियन का साथ मिलेगा। इस संगठन के कई कई सदस्य देश नाटो में भी शामिल हैं. ऐसे में यूक्रेन के लिए नाटो में शामिल होने का रास्ता खुलेगा जिससे अमेरिका भी यूक्रेन की और मदद कर सकेगा।