स्पेसएक्स का क्रू-3 एस्ट्रोनॉट लॉन्च: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और स्पेसएक्स ने चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा है। खराब मौसम समेत कई कारणों से लंबी देरी के बाद आखिरकार बुधवार को स्पेसएक्स रॉकेट इन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर रवाना हो गया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि बुधवार को अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए चार लोगों में जर्मनी के मैथियस मौरर भी शामिल हैं, जिन्हें अंतरिक्ष में जाने वाला 600वां व्यक्ति करार दिया गया है।
मैथियस मौरर और नासा के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री लगभग 22 घंटे की उड़ान के बाद गुरुवार शाम को पृथ्वी से लगभग 250 मील (400 किमी) दूर अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे। इसे क्रू 3 नाम दिया गया है। इसमें नासा की ग्रेजुएशन क्लास के दो सदस्य हैं। इनमें 44 वर्षीय भारतीय अमेरिकी राजा चारी भी शामिल हैं, जो अमेरिकी वायु सेना के लड़ाकू जेट के प्रशिक्षित पायलट हैं। उन्हें मिशन कमांडर बनाया गया है। जबकि अन्य सदस्य 34 वर्षीय कायला बैरन हैं, जो की अमेरिकी नौसेना के पनडुब्बी अधिकारी और परमाणु इंजीनियर हैं।
तीसरे सदस्य टॉम मार्शबर्न हैं, जो टीम के नामित पायलट हैं और दूसरे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं। वह 61 साल के हैं और नासा के पूर्व फ्लाइट सर्जन रह चुके हैं। इनके अलावा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री मैथियस मौरर हैं। 51 वर्षीय मौरर जर्मनी से हैं और एक मटीरियल साइंस इंजीनियर हैं। चारी, मौरर और बैरन लॉन्च के साथ अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान में अंतरिक्ष में जाने वाले 599वें, 600वें और 601वें इंसान बन गए। चरी और बैरन भी नासा के आगामी आर्टेमिस मिशन के लिए चुने गए 18 अंतरिक्ष यात्रियों के पहले समूह में शामिल हैं, जिसका उद्देश्य अपोलो मिशन के लगभग आधी सदी के बाद इस दशक के अंत तक मनुष्यों को चंद्रमा पर वापस लाना है।
बुधवार रात (ISS में अंतरिक्ष यात्री) बूंदाबांदी के बीच चार अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने परिवार को अलविदा कह दिया। मौसम वैज्ञानिकों ने मौसम साफ रहने का अनुमान जताया था और इसमें सुधार भी हुआ। दो दिन पहले, स्पेसएक्स चार अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरिक्ष यान से वापस पृथ्वी पर लौटा। आपको बता दें कि नासा के अंतरिक्ष यात्री शेन किमबरॉ और मेगन मैकआर्थर, जापान के अकिहितो होशाइड और फ्रांस के थॉमस पेस्केट दो दिन पहले एक स्पेसएक्स कैप्सूल से पृथ्वी पर लौटे थे। वह अंतरिक्ष केंद्र में 200 दिन बिताकर लौटे थे।