डेस्क न्यूज़- पाकिस्तान की एक अदालत ने शुक्रवार को महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपी को जमानत दे दी हैं। मूर्ति तोड़ने के आरोपी की पहचान रिजवान के रूप में हुई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि जांच के दौरान पुलिस ने उसके पास से एक हथौड़ा बरामद किया है। 'सम्मा टीवी' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
आपको बता दें कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान में मूर्ति तोड़ने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले दिसंबर 2020 में रंजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ा गया था। 27 जून 2019 को भी इस महान शासक की प्रतिमा को तोड़ा गया था। भारत ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा गिराए जाने का कड़ा विरोध किया। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी मामले की निंदा की।
उन्होंने आरोप लगाया था कि इससे सिखों की भावनाएं आहत हुई हैं। घटना के बाद बताया गया कि इस घटना को अंजाम देने वाला शख्स प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से जुड़ा है। अब इस घटना पर प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्री ने भी गुस्सा जताया है। इस घटना के बाद पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने एक कट्टरपंथी द्वारा मूर्ति को तोड़े जाने वाले वीडियो को रीट्वीट कर अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने लिखा कि शर्मनाक, अनपढ़ का यह झुंड दुनिया में पाकिस्तान की छवि के लिए वाकई खतरनाक है।
बताया गया कि दंगाइयों ने पहले महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति का हाथ तोड़ा और फिर घोड़े से ही नीचे धकेल दिया। इस वजह से वह बुरी तरह टूट गई। तहरीक-ए-लब्बैक के दो लोगों ने मूर्ति को स्थापित करने के दो महीने बाद पहले भी उस पर हमला किया था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार भी कर लिया था।