जम्मू-कश्मीर: हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों को मिली कामयाबी, मुठभेड़ में हिजबुल के टॉप कमांडर मेहराजुद्दीन उर्फ उबैद को मार गिराया

उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबलों ने आतंकियों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल का टॉप कमांडर मेहराजुद्दीन उर्फ ​​उबैद को मार गिराया है। उबैद कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था
जम्मू-कश्मीर: हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों को मिली कामयाबी, मुठभेड़ में हिजबुल के टॉप कमांडर मेहराजुद्दीन उर्फ उबैद को मार गिराया

उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबलों ने आतंकियों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल का टॉप कमांडर मेहराजुद्दीन उर्फ ​​उबैद को मार गिराया है। उबैद कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। वहीं, सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ से एक एके, चा मैगजीन बरामद की है।

मुठभेड़ में आतंकी संगठन हिजबुल का मेहराजुद्दीन मारा गया, जो काफी पुराना आतंकी था

आईजीपी कश्मीर का कहना है कि मुठभेड़ में आतंकी संगठन

हिजबुल का मेहराजुद्दीन मारा गया, जो काफी पुराना आतंकी था. वह

आतंकवाद से जुड़े कई अपराधों में शामिल था। यह एक बहुत बड़ी

सफलता है। इस ऑपरेशन को हंदवाड़ा पुलिस, 32 आरआर और

92 बीएन सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया है.

जानकारी के मुताबिक, हंदवाड़ा के पाजीपोरा-रेनान इलाके में आतंकियों की

मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने बुधवार सुबह वहां घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया.

इस दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चला दीं जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक कश्मीर घाटी में सुरक्षाबल 66 आतंकियों को ढेर करने में कामयाब रहे हैं

आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक कश्मीर घाटी में सुरक्षाबल 66 आतंकियों को ढेर करने में कामयाब रहे हैं. पिछले महीने जून में 11 आतंकवादी मारे गए थे। अप्रैल महीने में सबसे ज्यादा 17 आतंकी मारे गए।
पुलवामा जिले के राजपोरा इलाके में 15 घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकियों को ढेर कर दिया. इनमें जिला कमांडर और एक पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल था। इस ऑपरेशन में सेना का एक जवान शहीद हो गया जबकि दो अन्य घायल हो गए। मुठभेड़ स्थल से हथियार भी बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ शुरू होते ही जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।

एसओजी ने सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स और 182 और 183 बटालियन के जवानों के साथ मिलकर काम किया

सुरक्षा बलों को 1 जुलाई की देर रात राजपोरा के हांजिन गांव में आतंकवादियों के एक बड़े समूह के छिपे होने की सूचना मिली थी. इस इनपुट के आधार पर एसओजी ने सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स और 182 और 183 बटालियन के जवानों के साथ मिलकर काम किया. सीआरपीएफ ने इलाके की घेराबंदी की। घर-घर जाकर तलाशी अभियान चलाया गया।

इस दौरान एक घर में छिपे आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। जवानों ने मोर्चा संभाला और कई बार आतंकियों को सरेंडर करने का मौका दिया। उन्होंने हर बार इसे ठुकरा दिया और जवानों पर फायरिंग करते रहे। इस पर जवानों की जवाबी कार्रवाई के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई। गुरुवार की रात कोई आतंकवादी नहीं मारा गया, लेकिन 2 जुलाई को पांच आतंकवादी मारे गए। मुठभेड़ में सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स के हवलदार काशी राव शहीद हो गए।

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