डेस्क न्यूज़- कोरोना का कहर देश में इस कदर फैल रहा है कि स्वास्थ्य विभाग को लेकर किए गए वादों की जमीनी हकीकत सामने आने लगी है। कोरोना रांची, झारखंड में भी बेकाबू हो रहा है, और यहां के बड़े अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी है। वही रांची के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां अस्पताल में एक मरीज की मृत्यु हो गई लेकिन परिवार को अपने मरीज के शव को वापस लाने के लिए दो दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा हैं। अस्पताल प्रशासन ने बड़ी सावधानी से जवाब दिया कि शव नहीं मिला है। अस्पताल से मरीज गायब ।
72 साल के साधु चरण ठाकुर की रिम्स अस्पताल
में इलाज के दौरान मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के
मुताबिक, साधु ठाकुर के दामाद सुधीर कुमार ने
जानकारी दी कि उन्होंने 15 अप्रैल को काफी संघर्ष के बाद अपने ससुर को अस्पताल में भर्ती कराया था।
दामाद सुधीर कुमार ने कहा कि सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के बाद भी, हमें अस्पताल प्रशासन से उसे नॉन ऑक्सीजन बिस्तर प्राप्त करने के लिए मिन्नतें करनी पड़ी । जबकि उसके ससुर का ऑक्सीजन स्तर नीचे जा रहा था। उसके बाद 16 अप्रैल को उनके ससुर का निधन हो गया।
हालांकि, परिवार ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने मरीज के शव के लिए बहुत परेशान किया। अस्पताल ने एक जगह से दूसरी जगह भटकाया और फिर बाद में रजिस्टर दिखाया, जिसके आधार पर बताया गया कि उसके मरीज का शव पहले ही ले जा चुके है। इसके बाद, सुधीर ने अस्पताल को बताया कि उनका पूरा परिवार कोरोना सकारात्मक है। अस्पताल से मरीज गायब ।