घर से बाहर निकलते ही कौन सी गोली सीने में जा धंसे, हिजाब सरक जाए तो चमड़ी उधेड़ने का फरमान आ जाए, बीच चौराहे पर फांसी हो और इससे बच्चों को भी न बख्शा जाए। ये तालिबानी हालात अफगानिस्तान के हैं, हर रोज अखबारों की सुर्खियां यहां के खून से सुर्ख हो रही हैं।
तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति भवन भी अपने कब्जे में ले लिया। अब यहां तालिबानी सरकार बनने वाली है। राष्ट्रपति अशरफ गनी और उप-राष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह देश छोड़कर भाग चुके हैं। हालात बिगड़ने की वजह से लोग यहां से पलायन कर रहे हैं।
काबुल एयरपोर्ट पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। एयरपोर्ट पर किसी बस स्टेशन की तरह भीड़ हो रही है। लोगों को जहां जगह मिल रही है, वे चढ़ रहे हैं। कई लोग बिना लगेज लिए ही भाग रहे हैं।
काबुल में अफरातफरी का माहौल है। देश छोड़कर जाने के लिए लोग जल्दीबाजी में बैंकों से पैसा निकाल रहे हैं।
कई लोग वीजा बनवाने के लिए अपने-अपने देशों की एम्बेसी के चक्कर काट रहे हैं। रविवार को काबुल के बैंकों और एम्बेसीज के आगे लोगों की लंबी कतारें लगी रहीं।
रविवार को तालिबान ने राष्ट्रपति भवन (अर्ग) पर भी कब्जा कर लिया। तालिबानी नेता मुल्ला बरादर ने राष्ट्रपति भवन से बयान दिया। उसने कहा, 'सभी लोगों के जान-माल की रक्षा की जाएगी। अगले कुछ दिनों में सब नियंत्रित कर लिया जाएगा। हमने सोचा नहीं था कि इतनी आसानी से और इतनी जल्दी जीत मिलेगी। अगले कुछ दिनों में सभी चीजें सामान्य हो जाएंगी।'
अफगानिस्तान में सत्ता फिर से तालिबान के हाथों में आ गई है, एक बार फिर तालिबान अपने पैरों पर खड़ा है, मजबूत हो रहा है, उसके लड़ाकों को काबुल में घुसने का फरमान मिल चुका है। अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया है, बीते कुछ दिनों में स्थिति काफी तेजी से बदली और महज 103 दिनों में ही तालिबान ने अफगानिस्तान की सेना को घुटनों पर ला दिया, अफगानिस्तान के मौजूदा आंतरिक मंत्री ने रात 9 बजे से कर्फ्यू का ऐलान किया है।