न्यूज़- केरल में गर्भवती हथिनी की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केरल सहित 12 राज्यों को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में गर्भवती हथिनी की हत्या के मामले में की जांच सीबीआई या एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अदालत की निगरानी में करने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया है कि जिस तरह पटाखों से भरे अनानास के कारण एक गर्भवती हथिनी की मौत हुई, वह एक भयानक, दुखद, क्रूर और अमानवीय कृत्य है और सुप्रीम कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। याचिका में कहा गया कि यह घटना अपनी तरह की पहली घटना नहीं है। इससे पहले इसी तरह की एक घटना अप्रैल 2020 में केरल के कोल्लम जिले में हुई थी, जिसमें इसी तरह की एक और हथिनी मारी गई थी।
वहीं, याचिकाकर्ता शुभम अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए, जंगली जानवरों को अवैध रूप से हटाने और उन पर बर्बर उपकरण, विस्फोटक आदि के उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की। याचिका संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का हवाला देती है। यह याचिका अधिवक्ता विवेक नारायण शर्मा के माध्यम से दायर की गई थी।
शर्मा ने पशु अधिनियम, 1960 के खिलाफ क्रूरता की रोकथाम अधिनियम में आवश्यक संशोधन के लिए केंद्र/राज्य सरकार से अनुरोध किया है ताकि पशुओं के खिलाफ क्रूरता के लिए दंड बढ़ाया जा सके. उन्होंने यह भी मांग की है कि केंद्र/राज्य सरकारों को प्रभावी प्रबंधन और आवश्यक जागरूकता को बढ़ाने के लिए वन बलों (Forest Force) में रिक्तियों पर भर्ती करनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर याचिका में वन्यजीवों की आवश्यकता को समझने और उनकी सुरक्षा के लिए उचित उपाय करने, राज्यों में पशु जनगणना के लिए सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करने के लिए भारत संघ (Union of India) को निर्देश देने की मांग की गई है.
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