डेस्क न्यूज – किसान आंदोलन जारी : सिंघु बॉर्डर पर प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले एक व्यापारी किसानों के आंदोलन से इतना डरे हुए हैं।
कि अपना नाम बताकर बात करने को भी तैयार नहीं हैं।
व्यापारी की प्रिंटिंग प्रेस के आगे पिछले 35 दिनो से किसानों ने डेरा डाल रखा है।
ट्रक में वेस्ट मटेरियल भरा जा रहा है उनकी प्रेस यूनिट तक पहुंचे।
बॉर्डर बंद होने के कारण पिछले 1 महीने में यह पहली बार हुआ है, की एक ट्रक उनकी प्रिंटिंग प्रेस तक पहुंच पाया हैं।
जो कारोबार लगभग 8 लाख रूपये का है, जो वर्तमान में आधा हो गया है।
किसान आंदोलन जारी : व्यापारी का महीने का कुल कारोबार लगभग 8 लाख रूपये का है, जो वर्तमान में आधा हो गया है।
उनकी प्रेस में बारह मजदूर कार्य करते हैं,
मजदूरो को वेतन देने के लिए अब उन्हें लोन लेना पडेगा।
परेशानी उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही है वो कह रहे है कि,
हम COVID से निकल ही रहे थे कि अब ये किसान आंदोलन आ गया।’ वो कह रहे हैं की, ‘आधी लेबर को काम न होने की वजह से घर बैठाना पड़ा है,
लेकिन पेमेंट तो उन्हें भी देनी होगी, क्योंकि उनका परिवार भूखे तो रहेगा नहीं।’
दिल्ली को UP, हरियाणा एंव आगे पंजाब व अन्य राज्यों से जोड़ने वाले अहम नेशनल हाईवे इस समय किसानों के कब्जे में हैं।
बडे वाहनों के लिए रोड बंद हैं।
यातायात बाधित होने का पूरा असर उन हजारों मेन्यूफेक्चरिंग यूनिटों पर पड़ा है,
जो सभी दिल्ली के बाहरी इलाकों इंडस्ट्रियल एरिया में स्थिति हैं।
मायापुरी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री नीरज सहगल कहते हैं, ‘सबसे ज्यादा परेशानी परिवहन की है।
जो वाहन पहले 60 हजार रुपये में जाता था वो अब एक लाख बीस हजार रुपए तक में जा रहा हैं।
ज्यादा रेट पर भी साधन नहीं मिल पा रहे है।’
पंजाब-हरियाणा से आने वाला कच्चा माल नहीं पंहुच पा रहा है
‘पंजाब – हरियाणा से आने वाला कच्चा माल नहीं पंहुच पा रहा है।
हमे तैयार माल भी बाहर भेजने में परेशानी हो रही है। इस समय ट्रेन भी बंद, सड़के बंद, पूरा इको-सिस्टम ही खराब हो गया है।
सरकार कमर्शियल साधनों के लिए भी रास्ते नहीं खुलवा पा रही है।
चालक भी किसी ना किसी तरह किसान परिवारों से ही जुड़े हुए हैं।
वो भी आंदोलनकारियों के सपोर्ट में आ जाते हैं।’