विश्वास मत हारने के तीन दिन बाद फिर नेपाल के पीएम बने KP Oli

 नेपाल में विपक्षी दलों के अगली सरकार बनाने के लिये बहुमत हासिल करने में नाकाम रहने के बाद बृहस्पतिवार की रात को नेपाल की संसद में सबसे बड़े राजनीतिक दल के नेता के रूप में के पी शर्मा ओली फिर से देश के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए।
विश्वास मत हारने के तीन दिन बाद फिर नेपाल के पीएम बने KP Oli
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विश्वास मत हारने के तीन दिन बाद फिर नेपाल के पीएम बने KP Oli :  नेपाल में विपक्षी दलों के अगली सरकार बनाने के लिये बहुमत हासिल करने में नाकाम रहने के बाद बृहस्पतिवार की रात को

नेपाल की संसद में सबसे बड़े राजनीतिक दल के नेता के रूप में के पी शर्मा ओली फिर से देश के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए।

प्रतिनिधि सभा में महत्वपूर्ण विश्वास मत हारने के तीन दिन बाद

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 69 वर्षीय सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली को प्रधानमंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया।

विश्वास मत हारने के तीन दिन बाद फिर नेपाल के पीएम बने KP Oli :  राष्ट्रपति कार्यालय ने बृहस्पतिवार शाम एक बयान में कहा कि

राष्ट्रपति भंडारी ने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 78 (3) के अनुसार प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता के रूप में ओली को प्रधानमंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया।

राष्ट्रपति भंडारी शुक्रवार को शीतल निवास में एक समारोह में ओली को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी।

राष्ट्रपति भंडारी ने विपक्षी दलों को सरकार गठन के लिये बृहस्पतिवार रात नौ बजे तक का समय दिया था

गौरतलब है कि नेपाली कांग्रेस तथा नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवाद मध्य) का

विपक्षी गठबंधन अगली सरकार बनाने के लिये बहुमत हासिल करने में नाकाम रहा जिसके बाद ओली के एक बार फिर देश का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था।

ओली सोमवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत साबित करने में नाकाम रहे थे,

जिसके बाद राष्ट्रपति भंडारी ने विपक्षी दलों को सरकार गठन के लिये बृहस्पतिवार रात नौ बजे तक का समय दिया था।

नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को सीपीएन माओवाद के अध्यक्ष पुष्पकमल दल 'प्रचंड' का समर्थन मिल गया था,

लेकिन वह जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) का समर्थन हासिल करने में नाकाम रहे।

फिलहाल सरकार गठन के लिये 136 मतों की जरूरत है

जेएसपी के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने देउबा को समर्थन का आश्वासन दिया था

लेकिन पार्टी के एक और अध्यक्ष महंत ठाकुर ने इस विचार को खारिज कर दिया।

निचले सदन में नेपाली कांग्रेस के पास 61 और माओवाद (मध्य) के पास 49 सीटें हैं।

इस प्रकार उनके पास 110 सीटें हैं, लेकिन बहुमत के आंकड़े से कम हैं।

फिलहाल सरकार गठन के लिये 136 मतों की जरूरत है। सदन में जेएसपी की 32 सीटें हैं।

सरकार गठन के लिये केवल 122 मतों की दरकार होती है

ओली ने माधव समेत यूएमएल के चार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का फैसला वापस लेते हुए उन्हें उनकी मांगें माने जाने का आश्वासन दिया।

यदि यूएमएल के सांसद इस्तीफा दे देते तो प्रतिनिधि सभा में सदस्यों की संख्या घटकर 243 रह जाती, जो फिलहाल 271 है।

ऐसे में सरकार गठन के लिये केवल 122 मतों की दरकार होती।

नयी सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक दलों के बीच दिन भर ऊहापोह की स्थिति रही

इससे पहले, नयी सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक दलों के बीच दिन भर ऊहापोह की स्थिति रही।

सीपीएन-यूएमएल के माधव कुमार नेपाल-झालानाथ खनल धड़े से संबंध रखने वाले सांसद भीम बहादुर रावल ने गतिरोध खत्म करने के लिये मंगलवार को दोनों नेताओं के करीबी सांसदों से नयी सरकार का गठन करने के लिये संसद सदस्यता से इस्तीफा देने का आग्रह किया।

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