डेस्क न्यूज़ – जयपुर शहर में दुपहिया और चौपहिया वाहन चुराने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं। इन गिरोह द्वारा बीते 11 महीने में जयपुर कमिश्नरेट से 7,861 वाहन चुराने के मामले सामने आए हैं। चोरी हुए वाहनों में से पुलिस केवल 1261 वाहन ही तलाश पाई है। यानी चोरी हुए कुल वाहनों के मुकाबले 16 फीसदी वाहन ही बरामद हुए हैं। कमिश्नरेट पुलिस के दर्ज आंकड़ों की पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है। बता दें कि सबसे ज्यादा वाहन चोरी कमिश्नरेट के पूर्व जिले में हुए है। वहीं उत्तर जिले में सबसे कम वाहन चोरी हुए हैं।
इन वारदातों में ज़्यादातर भरतपुर, करौली, धोलपुर, दौसा और जयपुर सहित बाहरी राज्य यूपी और मध्यप्रदेश के बाइक चोर गिरोह है। इनमें शामिल बदमाश 25 साल से कम उम्र के हैं।
बदमाश झटके से बाइक का लॉक तोड़ते या पेचकस की मदद से स्विच ऑन कर वाहन लेकर फरार हो जाते है। हाल ही में मोतीडूंगरी और ट्रांसपोर्ट नगर थाना पुलिस ने बाइक चुराने वाले बदमाशों को पकड़ा था। पुलिस को इनके पास से 33 बाइक बरामद हुई थी। ये बदमाश एग्जीबिशन की तरह वाहनों को सजाकर बेचते थे।
इन 11 महीनो में चुराए गए वाहनों की औसत कीमत पर नज़र डाले तोह यह आंकड़ा 30 करोड़ रुपए के पार है।
कुछ बाइक चोर गिरोह को पुलिस ने पकड़ा है जो सालों से बाइक चुरा रहे थे। इनके पास से भारी संख्या में चोरी के वाहन मिले हैं। इन्होंने बताया कि जो बाइक नहीं बिकती थी उसके पार्ट्स निकालकर कटवा देते थे। पुलिस का कहना है पब्लिक पैलेस से सबसे ज्यादा वाहन चोरी हाेते हैं। वाहन को हमेशा पार्किंग में खड़ा करें। इससे वाहन चोरी की संभावना कम रहती है।