Sourav Ganguly के BCCI अध्यक्ष बने रहने पर सुप्रीम सुनवाई आज

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह और संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज का भाग्य सुप्रीम कोर्ट तय कर सकता है। इनके खिलाफ काफी समय से एक मामला विचाराधीन चल रहा है, अब समय आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि क्या ये तीनों अपने अपने पदों पर बने रहेंगे या नहीं।
Sourav Ganguly के BCCI अध्यक्ष बने रहने पर सुप्रीम सुनवाई आज
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Sourav Ganguly बीसीसीआई के अध्यक्ष बने रहने पर फैसला आज : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह और संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज का भाग्य सुप्रीम कोर्ट तय कर सकता है।

इनके खिलाफ काफी समय से एक मामला विचाराधीन चल रहा है,

अब समय आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि क्या ये तीनों अपने अपने पदों पर बने रहेंगे या नहीं।

अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई की संविधान पास किया गया था।

इसके बाद से ये तीनों कूलिंग आफ पीरियड में हैं।

नियम कहता है कि बीसीसीआई के सभी क्रिकेट प्रशासकों को तीन साल के भीतर अपनी जगह छोड़नी होगी।

इनका कार्यकाल 2020 के मध्य में समाप्त हो गया है।

कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद यह गुरुवार का सुनवाई के लिए पहला मामला

Sourav Ganguly बीसीसीआई के अध्यक्ष बने रहने पर फैसला आज :  न्यायाधीश एल नागेश्वर राव की अध्यक्ष्ता में दो जजों की बेंच गुरुवार (15 अप्रैल) इस मुद्दे की सुनवाई करेगी।आउटलुक में प्रकाशित रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों जज- राव और जस्टिस वीनीत सरन ने इस मामले को सर्वाधिक महत्व के मामले के तौर पर लिया है। कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद यह गुरुवार का सुनवाई के लिए पहला मामला होगा।

जस्टिस राव बीसीसीआई के इस मामले को समाप्त करने में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। इससे पहले 2014 में उन्होंने सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग कांड की जांच की थी। इस साल फरवरी में उन्होंने सोलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता, द बीसीसीआई काउंसिल को मामले को बार आगे खिसकाने के लिए डांट लगाई थी।

जस्टिस राव का मराठा रिजर्वेशन केस की सुनवाई में व्यस्त रहने के कारण सुनवाई हुई थी स्थगित

जस्टिस राव ने कहा था कि हम इस तरह से मामले को स्थगित नहीं कर सकते। हम पहले ही छह बार स्थगन कर चुके हैं, अब स्थगन नहीं होगा, हम ऐसा नहीं करेंगे। 23मार्च को इसकी तारीख मुकर्रर की गई थी, लेकिन 23 मार्च को इसकी सुनवाई नहीं हो पाई। वजह थी जस्टिस राव का मराठा रिजर्वेशन केस की सुनवाई में व्यस्त रहना। उनकी बेंच 14 याचिकाओं की सुनवाई कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तय होगा सौरव गांगूली का भविष्य

बीसीसीआई चाहता है कि सौरव गांगुली, जयेश जॉर्ज और जय शाह बिना कूलिंग ऑफ पीरियड के अपना काम करते रहे। बेंच ने युद्धवीर सिंह, उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव की कंटेंप्ट याचिका भी स्वीकार कर ली है। संविधान किसी भी सरकारी अधिकारी को बीसीसीआई या स्टेट एसोसिएशन में शामिल होने की इजाजत नहीं देता। सौरव गांगुली ने हाल ही में कहा था कि एक बार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वह अपना भविष्य तय करेंगे।

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