पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मिशन 2024 की रेस तेज कर दी है। पिछले पांच दिनों के दिल्ली प्रवास के दौरान उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी के साथ-साथ देश के कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है। अब उन्होंने ऐलान किया है कि वह हर दो महीने दिल्ली आएंगी। माना जा रहा है कि ममता के इस ऐलान के पीछे उनका मिशन 2024 है।
ममता ने आज कहा, 'मैंने आज शरद पवार से बातचीत की। मेरी यात्रा सफल रही। हम राजनीतिक उद्देश्य के लिए मिले। लोकतंत्र जिंदा रहना चाहिए। मेरा स्लोगन है 'लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ' (Save Democracy Save Country)। हम किसानों के मुद्दे का समर्थन करते हैं। मैं हर दूसरे महीने दिल्ली आऊंगी।'
बता दें कि विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ ममता बनर्जी की मुलाकात को थर्ड फ्रंट के तौर पर भी देखा जा रहा है। ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे पर हैरान करने वाली बात ये है कि वो न तो लोकसभा, न ही राज्यसभा की सदस्य हैं। ऐसे में ममता बनर्जी की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं लोगों को अब नजर आ रही हैं। कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में विपक्ष का नेतृत्व भी कर सकती हैं।
2019 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों का न थर्ड फ्रंट बना और न ही कांग्रेस के साथ कोई बड़ा गठबंधन हो सका। लेकिन ये पहला मौका है जब ममता बनर्जी खुद सबको साथ आने के लिए कह रही हैं।
1993 में कोलकाता में युवा कांग्रेस की रैली में मारे गए 13 लोगों को याद करने के लिए तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती है। इसी शहीद दिवस के दौरान ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बजाते हुए भाषण में न केवल भगवा पार्टी यानी बीजेपी के खिलाफ चौतरफा हमला किया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि तृणमूल राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।