बदलते माहौल के साथ लोगों की लाइफस्टाइल भी चेंड होती जा रही है औऱ आज के युवाओं में स्मोकिंग एक चलन बन गया है, लेकिन स्मोकिंग हमारी सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक होती है।
ये हमारे फेफड़ों के साथ ही आंखों पर भी प्रभाव डालती है। धूम्रपान की वजह से आंखों पर होने वाला प्रभाव चिंता का विषय है, जिसकी वजह से आप अंधेपन का भी शिकार हो सकते है।
अगर आप लगातार धूम्रपान करने के आदी हैं, तो इसकी वजह से मैक्यूलर डिजनरेशन का खतरा बढ़ जाता है। ये अधिकतर बढ़ती उम्र वालों को होता है। इसमें व्यक्ति को धीरे-धीरे दिखना एकदम बंद हो जाता है।
सिगरेट के ज्यादा इस्तेमाल से मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से लेंस में धुंधलापन आ जाता है। वहीं धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति की तुलना में धूम्रपान करने वाले व्यक्ति में मोतियाबिंद विकसित होने की संभावना चार से पांच गुना ज्यादा होता है। इसकी वजह से इंसान को सही तरीके से दिखाई नहीं देता है।
सेकंड हैंड स्मोकिंग उसे कहते है। जो स्मोकिंग करने वाले के आस-पास मौजूद होते है। इसकी वजह से पीने वाले के साथ-साथ वहां रहने वाले के भी सेहत पर नुकसान पहुंचता है।
फेफड़ों के साथ ही आंखों पर भी इसका असर दिखाई देता है। जिसमें आंखों में ड्राई आई सिंड्रोम से लेकर ऑप्टिक नर्व डैमेज जैसी गंभीर बीमारियां शामिल है।