डेस्क न्यूज़- हरियाणा के करनाल में महापंचायत के दौरान किसान नेताओं ने सरकार को जमकर घेरा। किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर हजारों किसान घरौंदा अनाज मंडी में जमा हो गए। सभी ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कार्रवाई में शामिल टीम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही।
भारतीय किसान मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कौथ ने कहा कि उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को वोट दिया था इसलिए वह केंद्र में जाकर किसानों के बारे में बात करेंगे। इसलिए नहीं कि वह किसानों के खिलाफ केस करेंगे। कौथ ने कहा कि किसानों ने दुष्यंत चौटाला को वोट दिया इसलिए कि वह किसानों के पक्ष में खड़े होंगे, इसलिए नही कि वह भाजपा की गोद बैठेंगे। यदि मामले दर्ज करने हैं, तो किसानों का नेतृत्व करने वाले किसान नेताओं पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए, न कि आम किसानों पर।
पंजाब के किसान नेता सतनाम सिंह ने कहा कि 22 वर्षीय जवान किसान की मौत का बदला जरूर लिया जाएगा। अंग्रेजों के जमाने में साइमन कमीशन को गो बैक कहा जाता था, अब समय आ गया है कि बीजेपी को गो बैक कहा जाए। किसान शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 5 सितंबर को यूपी के मुजफ्फरनगर में पांच करोड़ किसान इकट्ठा होकर ताकत दिखाएंगे।
भारतीय किसान संघ के युवा प्रदेश अध्यक्ष विकास सीसर ने कहा किहरियाणा और पंजाबी कॉल नहीं होनी चाहिए। पूरे भारत की कॉल होनी चाहिए। सिर्फ सीएम मनोहर लाल पर फोकस रखने से किसानों का टारगेट पूरा नहीं होगा। हरियाणा में किसानों के सिर फट रहे हैं। 40 हजार किसानों के खिलाफ केस दर्ज मोदी सरकार किसानों से डरी हुई है। सरकार का हंगामा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान भी सिर फोड़ सकते हैं।
किसानों की शांति नेताओं को हजम नहीं हो रही है, पंजाब बीकेयू के किसान नेता मंजीत लथवाल ने कहा कि पंजाब की तरह हरियाणा के लोगों को भी एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है। इकट्ठा होने के बाद ही आप अपनी मांगों को जल्द पूरा कर सकते हैं। नेताओं को किसानों की शांति हजम नहीं हो रही है। झंडे अलग हो सकते हैं, लेकिन कृषि को बचाने का उद्देश्य सभी के लिए एक ही है।
युवा किसान नेता अभिमन्यु कुमार ने कहा कि हमारी केवल तीन मांगें हैं, पहले एसडीएम को जेल भेजा जाए। पूरे करनाल प्रशासन को बर्खास्त कर देना चाहिए और मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पूरे देश के किसानों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने किसानों से आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि 80 करोड़ किसान किसी भी नेता या संघ के आंदोलन के आगे रहें।
28 अगस्त को हुई महापंचायत में बस्तर टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में आगामी रणनीति तैयार की गई। महापंचायत में 10 संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बीकेयू प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चादुनी के पहुंचने के बाद बस्ताड़ा टोल पर घायल हुए किसानों को सबसे पहले बीकेयू के प्रदेश महासचिव जगदीश सिंह ओलख ने मंच पर बुलाया। मंच पर राजेंद्र आर्य, रघगीर गगसीना, रणबीर पुनिया बडोता, दानवीर राजा कर्ण फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पुनिया, बीकेयू प्रदेश अध्यक्ष बिंदू, महेश, महेंद्र को जगह दी गई। बस्ताड़ा टोल पर रात में हार्ट अटैक से किसान सुशील की मौत हो गई। दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ भारत माता और जय जवान-जय किसान के नारे लगे।