डेस्क न्यूज़- मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के लिए आज का दिन उम्मीद का दिन है। बॉम्बे हाईकोर्ट आज उनकी जमानत याचिका पर फैसला ले सकता है। उनके आवेदन को अदालत में 37वें नंबर पर सूचीबद्ध किया गया है। इससे पहले मंगलवार को एनसीबी ने आर्यन की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि वह बाहर आने पर गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
आर्यन की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी जस्टिस नितिन साम्ब्रे की कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने एनसीबी की पूरी थ्योरी को खारिज करते हुए आर्यन को बेगुनाह बताया। मंगलवार को ही आर्यन के दोस्त अरबाज मर्चेंट के वकील ने भी कोर्ट के सामने अपनी दलीलें पेश की थीं।
आज मामले के एक अन्य आरोपी के वकील मुनमुन धमेचा अपना पक्ष रखेंगे और एनसीबी की ओर से तीनों की जमानत का विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह अपना पक्ष रखेंगे। दोपहर 2.30 बजे के बाद सुनवाई के लिए मामला कोर्ट में आ सकता है। इस मामले में आर्यन को 2 अक्टूबर को क्रूज से पकड़ा गया था और 8 अक्टूबर से वह आर्थर रोड जेल में कैद है।
मंगलवार को ही एनडीपीएस कोर्ट ने इसी मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों मनीष गढ़ियान और एविन साहू को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. दोनों को ड्रग पैडलिंग के आरोप में पकड़ा गया था, जिसमें से मनीष के पास से 2.5 ग्राम ड्रग्स भी बरामद किया गया है. जमानत के बाद अब आर्यन की जमानत की राह खुलती नजर आ रही है।
वहीं एनसीबी की ओर से मंगलवार को दाखिल लिखित जवाब में कहा गया कि इस मामले की जांच में छेड़छाड़ की कोशिश की जा रही है। शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी गवाहों से मिल रही हैं और जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में आर्यन जमानत मिलने पर गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है। वह देश छोड़कर भाग भी सकता है।
एनसीबी के मुताबिक प्रभाकर आर सैल द्वारा 23 अक्टूबर 2021 को दाखिल कथित हलफनामे से यह साफ हो गया है कि जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। एनसीबी का कहना है कि सत्र न्यायालय और उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई से पहले किसी भी अदालत में ऐसा कोई दस्तावेज क्यों नहीं दाखिल किया गया। हलफनामा गोपनीय रूप से दायर किया गया और फिर व्यापक रूप से प्रकाशित किया गया और मीडिया में प्रसारित किया गया। जबकि मामला कोर्ट में है।
वहीं आर्यन खान ने भी हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एनसीबी पर लगे रिश्वत के आरोपों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। हलफनामे में आर्यन ने कहा है कि वह खुद जांच एजेंसी के किसी व्यक्ति पर कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं। इस मामले में कुछ स्वतंत्र गवाहों द्वारा किए जा रहे दावों और बयानों से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इसे देखकर साफ है कि आर्यन नवाब मलिक या प्रभाकर द्वारा लगाए गए आरोपों से कतराते रहे हैं। प्रभाकर वही शख्स हैं, जिन्होंने कहा है कि आर्यन केस में 18 करोड़ रुपए की डील होगी।
इससे पहले आर्यन की जमानत अर्जी दो बार स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट और किला कोर्ट खारिज कर चुकी है। कोर्ट ने जमानत खारिज करते हुए कहा था, 'प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आर्यन लगातार ड्रग्स से जुड़ी गतिविधियों में शामिल था। एनडीपीएस कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि व्हाट्सएप चैट के जरिए भी ऐसा लगता है कि आर्यन ड्रग सप्लायर के संपर्क में था। इस मामले में कोर्ट ने अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी।