अजमेर जिले के ब्यावर के मेवाड़ी गेट बाहर निवासी दो सगी बहनों की आत्महत्या के मामले में कारणों का पता नहीं चला है। न तो ससुराल पक्ष और न ही दोनों बहनों के पीहर पक्ष ने कोई संदेह व्यक्त किया और न ही ऐसी कोई बात कही। ऐसे में अब मौत की वजह मृतक निशा की जींस में फंसे मोबाइल से सामने आने की संभावना जताई जा रही है।
रविवार को जीआरपी जवानों के साथ शहर पुलिस के जवानों को मौके और मृतकों की तलाशी के दौरान कोई पहचान पत्र या कोई अन्य सामग्री नहीं मिली। लेकिन सोमवार को पोस्टमार्टम के लिए जब शवों को पोस्टमॉर्टम टेबल पर ले जाया गया, जहां जांच में मृतक की जींस के पेंट में एक मोबाइल फंसा हुआ मिला। कयास लगाए जा रहे हैं कि मृतक के पीछे की जेब में मोबाइल था, लेकिन मालगाड़ी की टक्कर से जेब से निकलकर मोबाइल कपड़ों में फंस गया।
पोस्टमार्टम कर्मियों ने मोबाइल निकालकर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस को मृतक के मोबाइल कॉल डिटेल और लोकेशन से कुछ सुराग मिलने की संभावना है। हालांकि, पीहर पक्ष और ससुराल पक्ष दोनों ने आत्महत्या के कारणों के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया। परिजनों ने बताया था कि दोनों घर से चाट पकौड़ी खाने के लिए निकले थे। ऐसे में परिजन खुद समझ नहीं पा रहे हैं कि वे दोनों वहां क्यों और कैसे गए और दोनों ने एक साथ ऐसा कदम क्यों उठाया? ब्यावर अनुमंडल पदाधिकारी आईएएस रामप्रकाश मामले की जांच कर रहे हैं।
मृतक बहनों अंजू और निशा के परिजनों ने बताया कि दोनों बहनों में काफी प्यार था। उनके भाई धर्मेंद्र ने बताया कि दोनों एक दूसरे की बहन नहीं बल्कि दोस्त की तरह रहते थे। दोनों की एक साथ मौत ने परिवार को तोड़ दिया।
ब्यावर से जोधपुर जा रही मालगाड़ी की चपेट में आने से रविवार दोपहर गहलोत कॉलोनी के पास रेलवे ट्रैक पर दो लड़कियों की मौत हो गई। राजकीय रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि दोनों लड़कियां पहले डीएफसी ट्रैक पर मालगाड़ी के आगे आ चुकी थीं। मालगाड़ी के चालक ने ब्रेक लगाया। उन्हें हटाकर चला गया। साथ ही इस बात की जानकारी दी। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही अन्य ट्रैक पर दूसरी मालगाड़ी की चपेट में आ गई। इधर भी मालगाड़ी के चालक ने हॉर्न बजाया तो वे एक बार तो दूर हो गए थे, लेकिन जब मालगाड़ी पास आई तो दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। दोनों के शवों को सरकारी अमृतकौर अस्पताल ब्यावर की मोर्चरी में रखवाया गया है। रविवार रात उनकी शिनाख्त हुई।
सोमवार को पुलिस की मौजूदगी में दोनों का पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस दौरान पीहर पक्ष के लोगों के साथ दोनों ससुराल पक्ष के लोग मौजूद थे। इस दौरान पुलिस ने दोनों पक्षों से जानकारी भी ली, लेकिन दोनों ने कोई संदेह नहीं जताया और न ही कोई आरोप लगाया।
पुलिस का कहना है कि दोनों लड़कियों के घर से निकलने और हादसे के बीच का समय करीब दो घंटे का होगा। इसके लिए उसके पास मिले मोबाइल और आसपास के सीसीटीवी को भी ट्रेस किया जाएगा। साथ ही वे वहां कैसे पहुंचे, इसके बारे में भी पता चलेगा। ब्यावर अनुमंडल पदाधिकारी आईएएस रामप्रकाश मामले की जांच कर रहे हैं। जांच के बाद ही आत्महत्या के कारणों का खुलासा होगा। आत्महत्या ।