गहलोत ने एक्सपर्ट के हवाले से कहा- कोरोना की रफ्तार चार गुना है, सरकारें कितनी ही सुविधााएं बढ़ा लें, ऑक्सीजन-दवाओं की किल्लत रहेगी

सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा है- जब कोरोना की पहली लहर आई तो ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर खाली पड़े थे। यह दूसरी लहर बेहद खतरनाक है। ज्यादातर लोगों को ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटिलेटर की जरूरत होती है।
Photo | Dainik Bhaskar
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डेस्क न्यूज़- दूसरी लहर में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने अब संसाधनों की कमी का रोना रोया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विशेषज्ञों का सहारा लेते हुए तर्क दिया कि कोरोना की दूसरी लहर में चाहे कितनी भी संसाधन सरकारें जुटा लें, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी बनी रहेगी। राजस्थान में पिछले कई दिनों से ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी है। ऑक्सीजन-दवाओं की कमी ।

अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के हवाले से दिया तर्क

सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा है-

जब कोरोना की पहली लहर आई तो ऑक्सीजन बेड,

आईसीयू और वेंटिलेटर खाली पड़े थे। यह दूसरी लहर बेहद

खतरनाक है। ज्यादातर लोगों को ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटिलेटर की जरूरत होती है।

अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सरकारें चाहे कितनी भी सुविधाएं बढ़ा लें,

कोरोना की गति चार गुना है। मरीजों के लिए ऑक्सीजन और दवाओं की कमी बनी रहेगी।

हालात भयानक होंगे

गहलोत ने आम लोगों से लॉकडाउन जैसा व्यवहार करने को कहा है। साथ ही, अनावश्यक रूप से घर न छोड़ने की अपील की। गहलोत ने लिखा कि हम संक्रमितों की श्रृंखला को तोड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। यह तभी संभव होगा जब आम लोग कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करेंगे। इससे अविलम्ब संख्या में विराम लगेगा। अन्यथा स्थिति और भयावह हो सकती है।

विदेश ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीने को कहा

सीएम अशोक गहलोत ने विदेशों से ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर आयात करने को कहा है। गहलोत ने कोविड की समीक्षा बैठक में कहा – अस्पतालों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने में ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर उपयोगी साबित हो सकती है। उन्हें जल्द से जल्द खरीदा जाना चाहिए। आयात करने के लिए विदेशों में भारतीय दूतावासों से भी सहयोग लिया जाना चाहिए। उन्हें शिपिंग और अन्य कारणों से देरी नहीं करनी चाहिए।

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