राजस्थान में बनेगा दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम: 280 करोड़ में होगा पहले फेज का निर्माण

दिवाली पर राजस्थान के क्रिकेट फैंस को एक बड़ा तोहफा मिला है। बता दें की राजस्थान के जयपुर में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बनने जा रहा है और इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
Image Credit: Dainik Bhaskar
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दिवाली पर राजस्थान के क्रिकेट फैंस को एक बड़ा तोहफा मिला है। बता दें की राजस्थान के जयपुर में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बनने जा रहा है और इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है। जयपुर दिल्ली बाईपास स्थित चौंप में बीते गुरूवार को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्टेडियम निर्माण के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनी को जमीं सुपुर्द कर दी है। इसी कड़ी में पुरे हिन्दू रीती रिवाज से भूमि पूजन कर नींव रखी गई। लगभग 280 करोड़ की लागत से बनने वाले इस स्टेडियम के पहले पेज का निर्माण कार्य भूमि पूजन के बाद शुरू कर दिया गया है।

दो प्रैक्टिस ग्राउंड और एक क्रिकेट एकेडमी का होगा निर्माण

RCA अध्यक्ष वैभव गहलोत ने कहा कि हम इस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के प्रोजेक्ट को ढाई से तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टेडियम होगा। इस स्टेडियम में 75,000 दर्शकों की बैठने की क्षमता विकसित की जायेगी। 2 चरणों में स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इस स्टेडियम में 11 क्रिकेट पिच, 2 अभ्यास मैदान, एक क्रिकेट एकेडमी के अलावा छात्रावास, पार्किंग, स्पोर्ट्स क्लब, होटल और जिम की सुविधा होगी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी।

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मोटेरा है दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम

बता दें की भारत के अहमदाबाद में बना मोटेरा स्टेडियम 1 लाख 10 हज़ार दर्शकों की क्षमता के साथ विकसित है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया स्तिथ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) की दर्शक क्षमता 1 लाख तक है। अब जयपुर में बनने वाला यह स्टेडियम देश का दूसरा और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टेडियम बन जाएगा। जहां 75 हज़ार दर्शकों के बैठने की समुचित व्यवस्था की जाएगी।

पिछले 9 साल से अटका है जमीन का मामला

जयपुर में आरसीए को जमीन देने का मामला पिछले 9 साल से अटका हुआ था। जब अशोक गहलोत वर्ष 2008-13 तक मुख्यमंत्री थे। फिर इस जमीन को देने की प्रक्रिया शुरू हुई। वर्ष 2014 में भूमि का आवंटन भी किया गया था, लेकिन बाद में आरसीए में विवाद के बाद भूमि का आवंटन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद जब वैभव गहलोत आरसीए के अध्यक्ष बने। इसके बाद जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की गई। जिसके बाद डीएलसी दर के 30 प्रतिशत की लागत से आरसीए को भूमि आवंटित की गई।

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