कोलेजों में मिलेगी कोरोना में बेसहारा हुए छात्रों को छूट, न्यूनतम अंकों पर मिलेगा एडमिशन, छात्राओं को मिलेंगे 3% बोनस अंक, जानें पूरी खबर

राजस्थान में सरकार ने उन उम्मीदवारों को राहत दी है जिनके माता-पिता या महिला अभ्यर्थियों के पति की कोविड के दौरान मौत हो गई है। यूजी और पीजी में न्यूनतम उत्तीर्ण अंकों के आधार पर उम्मीदवारों को कॉलेज में प्रवेश दिया जाएगा।
कोलेजों में मिलेगी कोरोना में बेसहारा हुए छात्रों को छूट, न्यूनतम अंकों पर मिलेगा एडमिशन, छात्राओं को मिलेंगे 3% बोनस अंक, जानें पूरी खबर

डेस्क न्यूज़- राजस्थान में सरकार ने उन उम्मीदवारों को राहत दी है जिनके माता-पिता या महिला अभ्यर्थियों के पति की कोविड के दौरान मौत हो गई है। यूजी और पीजी में न्यूनतम उत्तीर्ण अंकों के आधार पर उम्मीदवारों को कॉलेज में प्रवेश दिया जाएगा। उनकी सीटों पर कॉलेज में स्वीकृत सीटों के अलावा विचार किया जाएगा। हालांकि अभी तक यूजीसी ने कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं बनाई है। राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में प्रवेश नीति में इन बच्चों के लिए रियायत दी गई है। फिलहाल अनाथ बच्चों को राज्य के चुनिंदा सरकारी कॉलेजों में दाखिले में राहत मिल सकेगी। कोरोना में बेसहारा हुए छात्रों को छूट ।

सरकारी कॉलेजों में आज से आवेदन शुरू

आरयू के संबंधित कॉलेजों में यूजी में प्रवेश लेने के लिए मंगलवार शाम तक 34,300 से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया है। छात्र आज से प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। ज्यादातर आवेदन बीए, बीकॉम और बीएससी में आए हैं। वहीं, राज्य के सरकारी कॉलेजों में भी आज से दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। राज्य के सरकारी कॉलेजों में 1.91 लाख सीटें हैं।

क्या हैं एडमिशन की नीति?

उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में दाखिले के लिए नीति जारी की है। प्रवेश 12वीं के प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सहशिक्षा महाविद्यालयों में छात्राओं को 3 प्रतिशत बोनस के साथ गैप नियम में छूट का प्रावधान है। जिन छात्रों ने 12वीं अतिरिक्त विषय के साथ उत्तीर्ण की है, उनकी प्रवेश वरीयता निर्धारित करने के लिए उच्चतम अंकों वाले 5 विषयों के अंक जोड़े जाएंगे। जिसमें एक भाषा अनिवार्य है।

14,000 सीटें लेकिन छात्र एक लाख से अधिक

जयपुर जिले के सरकारी कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष के लिए लगभग 14,000 सीटें हैं। जबकि केवल जयपुर जिले में ही 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करने वाले छात्रों की संख्या एक लाख से अधिक है। ऐसे में माना जा रहा है कि दाखिले के लिए मारपीट होगी। शिक्षाविदों का कहना है कि इस बार कटऑफ भी पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रहने की संभावना है। बता दें कि कोरोना संकट के चलते दसवीं कक्षा के छात्रों का परिणाम पिछले वर्षों के अंकों और बिना परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के आधार पर जारी किया गया है। ऐसे में कॉलेज में दाखिले के लिए लड़ाई तय मानी जा रही है।

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